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एकदम सही पकडे हैं जी
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निपट गया लोकतंत्र का मेला, बस नतीजा बाकी है
जनता के हाथ नहीं लगा धेला, बस रोना बाकी है
पूछो विशाल-ह्रदय वाले खद्दरधारियों से उनका हाल
नतीजे उलटे आए तो पलटी मारेंगे ये भारत के लाल
—-बड़का वाले कविराय