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पीएम तो हैं ध्यान-मग्न, वहां भी पहुंचकर कैमरामैन कर रहे हैं उनका ध्यान-भंग

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कड़ी सिक्योरिटी में क्या बिना इजाजत लिए ही पहुंचे ‘तीसरी-आंख’ वाले कन्याकुमारी तपस्थली

लुधियाना /31 मई। संयोग से पंजाब में ही लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का प्रचार अभियान निपटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान लगाने चले गए थे। वह कन्याकुमारी में ऐसे स्थान पर ध्यान लगाकर बैठे हुए हैं, जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। उस स्थान पर स्वामी विवेकानंद भी ध्यान लगाया था।
इसी विवेकानंद रॉक  राजनीतिक-झंझटों को निपटाकर शायद पीएम मोदी वहां इसीलिए गए कि रुटीन-लाइफ से बिल्कुल कटे रहें। शायद इसी मंशा से वहां बेहद कड़ी सिक्योरिटी भी है। सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों के अलावा तमाम एजेंसियां वहां मुस्तैद हैं। ताकि पीएम का ध्यान कतई भंग न हो सके।

फोटो वायरल होते ही विपक्षी ले रहे चुटकी : इस सबके बावजूद पीएम मोदी की एकांत में ध्यान लगाए मुद्रा वाली तस्वीरें खूब वायरल हो रहे हैं। ऐसे में खासतौर पर विपक्षी राजनेता जमकर चुटकी ले

रहे हैं। पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कांग्रेस के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष भारत भूषण ने गंभीर टिप्पणी करते पीएम के ध्यान को अपरोक्ष रुप से पाखंड करार दिया। वह बोले कि सनातनी परंपरा के अनुसार ध्यान लगाने के दौरान एकांतवास जरुरी होता है। यदि उस दौरान कोई ध्यान-मग्न व्यक्ति के अलावा आसपास कोई अन्य व्यक्ति वहां उपस्थित रहे तो ध्यान-मुद्रा भंग हो जाती है। फिर आशु ने राजनीतिक-लहजे में पीएम का नाम लिए बिना तंज कसा कि ध्यान जैसी सनातनी परंपरा का पालन करने वाले प्रात:काल उदघोष करते हैं कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो। जबकि मोदी तो सुबह उठते ही हमेशा से बैर-भाव, जाति-धर्म में भेदभाव जैसे शब्दों से धर्म विशेष पर प्रहार करते हैं। वह देश के सर्वोच्च पद पर होने के बावजूद विपक्ष का मखौल उड़ाते हुए नैतिक-मर्यादा तक भूल जाते हैं।

 

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