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खाकी एक बार फिर हुई दागदार,शराब तस्करों से 10 लाख की रिश्वत,5 पुलिस वाले गिरफतार

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दिल्ली/यूटर्न /31 मई: पुलिस चाहे किसी भी राज्य की हो,बस पुलिस ऐसे कारनामें करती है,उनकी खाकी वर्दी दागदार हो जाती है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस के पांच जवानों पर 10 लाख रुपये की रिश्ववत लेकर अवैध शराब तस्करी के पांच आरोपियों को छोडऩे का आरोप लगा है। इस मामले में पुलिस के सभी पांचों आरोपियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर गिरफतार दिया गया है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपी सभी पुलिसकर्मी नार्कोटिक्स यूनिट में तैनात हैं। इस मामले में यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार का यह मामला साउथ वेस्ट दिल्ली के वसंत कुंज साउथ थाना इलाके से जुड़ा है। जहां रंगपुरी पेट्रोल पंप के पास एक कार में शराब पी रहे चार युवकों की जिले की नार्कोटिक्स यूनिट में तैनात पांच पुलिसकर्मियों ने पहले तो बेसबॉल के बैट से जमकर पिटाई की और फिर उन्हें शराब तस्करी के केस से बचाने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ दिया।
इस घटना के खिलााफ वसंत कुंज साउथ पुलिस को दी गई शिकायत में पीडि़त सुखकरण ने बताया कि वह साउथ सिटी-1 सेक्टर 41 गुरुग्राम में शराब की दुकान पर काम करता है। मंगलवार की रात वह अपने दोस्तों अनिल छिल्लर, राजेश कुमार एवं दीपक के साथ रंगपुरी पेट्रोल पंप के पास कार में शराब पी रहा था। राजेश हरियाणा पुलिस और दीपक दिल्ली पुलिस में सिपाही है। सुखकरण का कहना है कि कार के अंदर बीयर की एक पेटी और शराब की 6 से 7 बोतलें थीं।
इस बीच दो कार एवं एक बाइक पर पांच लोग आए, जिन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताकर सुखकरण एवं उसके साथियों को पीटना शुरू कर दिया। फिर सभी को एंटी नार्कोटिक्स यूनिट के ऑफिस ले गए। पीडि़त सुखकरण ने बताया कि नार्कोटिक्स यूनिट के आरोपी पुलिसकर्मियों में हेड कॉन्स्टेबल अशोक, विश्वास दहिया, कॉन्स्टेबल मनीष, दीपक और राजकुमार ने पहले तो उनकी पिटाई की, फिर जब उन्हें पता चला कि चारो युवकों में से राजेश हरियाणा पुलिस और दीपक दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद और तैनात है तो आरोपियों ने नौकरी जाने का डर दिखाकर सुखकरण समेत उसके दोस्तों से 10 लाख रुपये लिए और चारों को छोड़ दिया।
यूनिट का प्रभारी लाइन हाजिर
इस मामले की जानकारी मिलते ही डीसीपी रोहित मीणा ने वरिष्ठ अधिकारियों को जांच के आदेश दिए। जिसमें आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा 10 लाख की रिश्वत लेने का पता चला। जांच के दौरान पीडि़त एवं आरोपी की बातचीत का रिकार्ड भी खंगाला गया, जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफतार कर लिया गया। इस मामले में यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक दहिया को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पीडि़त पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध
पीडि़त दोनों पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। जिसकी जांच पुलिस अभी कर रही है। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ताओं में शामिल राजेश और दीपक सीमा पर शराब तस्करी कराते थे। आरोप है कि राजेश शराब तस्करों को हरियाणा सीमा और दीपक दिल्ली सीमा पार कराने में सहायता करता था। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन घटना के बाद से ही दोनों का पता नहीं चल रहा है। इस कारण पुलिस का शक उन पर गहराता जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों पर भी गिर सकती है गाज
हैरानी की बात यह है कि आरोपी पुलिसकर्मी चारों युवकों को नार्कोटिक्स यूनिट के ऑफिस लेकर गए, लेकिन किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी होने से इन्कार कर दिया। जिससे इस रिश्वत कांड में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस मामले की भी विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। इस मामले में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
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