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राष्ट्रपति मेडल से समानित सब इंसपैक्टर रिशवत केस में बरी

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चंडीगढ/यूटर्न /29 मई: चंडीगढ़ पुलिस के सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार को हाई कोर्ट ने 50000 की रिश्वत मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने यह फैसला सबूतों के अभाव में दिया है। इससे पहले 2018 में सीबीआई की विशेष अदालत ने सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार और सेक्टर 17 मार्केट के पूर्व प्रधान सुभाष कटारिया को दो-दो साल की सजा सुनाई थी और 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। 50000 की रिश्वत के मामले में सीबीआई ने सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार, सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र और सुभाष कटारिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में सीबीआई की तरफ से 36 गवाह पेश किए गए थे, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 15 गवाह पेश हुए थे। पूरी सुनवाई के बाद सीबीआई अदालत ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र को बरी कर दिया था। दूसरे दोनों आरोपियों की सजा 3 साल से कम होने के कारण 25-25 हजार रुपए के निजी बॉड पर जमानत मिल गई थी। मामले में शिकायतकर्ता अरविंद कुमार पांडे ने अपना एक बूथ गारमेंट डीलर दीनानाथ मिश्रा को किराए पर दिया था। अक्टूबर 2008 में दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इस पर मिश्रा ने बूथ मलिक अरविंद कुमार पांडे के खिलाफ अदालत में सिविल केस फाइल कर दिया। बाद में तीन नवंबर 2008 को मिश्रा और पांडे के बीच में समझौता हो गया था। इसमें फैसला हुआ कि जब तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आता तब तक बूथ की चाबियां मार्केट के प्रधान सुभाष कटारिया के पास रहेंगी। यह समझौता सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार की मौजूदगी में सुभाष कटारिया ने कराया था। बाद में अरविंद पांडे ने 5 नवंबर को सीबीआई को शिकायत दी कि सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार और मार्केट प्रधान सुभाष कटारिया मामले को सेटल करवाने के लिए 50000 की मांग कर रहे हैं। पांडे की शिकायत पर 7 नवंबर 2008 को सीबीआई ने ट्रैप लगा दिया। इसके बाद सीबीआई ने दोनों को मौके से गिरफतार कर लिया था।
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