जैनएआई के आने से आईटी कंपनियों में डर का माहौल, पुरानी स्ट्रेटेजी बेअसर

Rivanshi
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एम्बिट की नई रिपोर्ट ने आईटी इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक जैनएआई इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि आईटी सर्विस कंपनियों के लिए मुकाबला अब सिर्फ TCS, इन्फोसिस या विप्रो तक सीमित नहीं रहा| अब मैदान में जैनएआई स्टार्टअप्स, सॉफ्टवेयर कंपनियां और GCC मॉडल वाली फॉरेन कम्पनीज़ भी उतर चुकी हैं, और वो इतनी तेज़ी से ग्रो कर रही हैं कि कई पुरानी आईटी सर्विसेज अब बेकार होने की कगार पर पहुंच सकती हैं|

एम्बिट ने साफ कहा है कि आने वाला समय आईटी सेक्टर के लिए आसान नहीं होगा| पहला बड़ा झटका ये है कि एआई स्टार्टअप्स बिजली की स्पीड से ग्रो कर रहे हैं| पहले किसी टेक कंपनी को $100 मिलियन ARR तक पहुंचने में 4–5 साल लगते थे, लेकिन आज कर्सर ने 2 साल से कम में $1 बिलियन क्रॉस कर लिया| क्लाउड कोड ने सिर्फ 5 महीने में $400 मिलियन और लवेबलने 8 महीने में $100 मिलियन कमा लिया| यानी नए एआई वाले प्लेयर्स मैदान में आते ही पुराने दिग्गजों को टक्कर दे रहे हैं| दूसरा बड़ा बदलाव ये है कि कोडिंग , टेस्टिंग और माइग्रेशन जैसे काम अब सॉफ्टवेयर खुद एआई की मदद से कर रहा है, वो भी तेज , सस्ती और बिना किसी गलती के|

पहले ये सब काम आईटी इंजिनीयर्स करते थे| पहले बड़ी ग्लोबल कम्पनीज इंडिया की आईटी फर्म्स को काम देती थीं, लेकिन अब वो इंडिया में ही अपनी एआई टीम (GCC) बना रही हैं| मतलब? आउटसोर्सिंग कम और इनहॉउस काम ज्यादा| एम्बिट का कहना है| कि अब गेम बदल चुका है| कॉम्पीटीशन बाहर से आ रहा है, एआई स्टार्टअप्स , सॉफ्टवेयर कम्पनीज और GCC मॉडल आईटी सेक्टर को चारों तरफ से घेर रहे हैं| अगर आईटी कंपनियों ने जल्दी एआई अपनाया नहीं, तो आने वाले 2–3 साल में बड़ा झटका लग सकता है|

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