बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ इलाज के नाम पर 48 लाख रुपए की ठगी हो गई। पीड़ित का कहना है कि एक शख्स ने खुद को आयुर्वेदिक डॉक्टर बताकर इलाज का भरोसा दिया और महंगी दवाइयां दीं, जिससे फायदा होने की बजाय उसकी किडनी खराब हो गई। इंजीनियर शिवमोग्गा का रहने वाला है और उसने इस मामले की शिकायत ज्ञानभारती पुलिस स्टेशन में की, जिसके बाद फर्जी डॉक्टर ‘विजय गुरुजी’ और एक मेडिकल स्टोर ओनर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अभी दोनों की तलाश कर रही है।
पीड़ित ने बताया कि शुरुआत में वह केंगरी के एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज करा रहा था, लेकिन बाद में उसने एक टेंट पर लगी एड देखी जिसमें जल्दी इलाज का दावा किया गया था। यहीं उसकी मुलाकात विजय गुरुजी से हुई जिसने उसे ‘देवराज बूटी’ नाम की दवा लेने को कहा और बताया कि ये हरिद्वार से आती है। इंजीनियर ने दवाइयों के लिए लाखों रुपये कैश में दिए क्योंकि डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन नहीं था। उसने 1.6 लाख प्रति ग्राम वाली देवराज बूटी, 76 हजार प्रति ग्राम भावना बूटी तैल और 2.6 लाख प्रति ग्राम देवराज रसाबूटी खरीदी। कुल मिलाकर वह 48 लाख रुपये खर्च कर चुका था, जिसके लिए उसने लोन लिया, परिवार से पैसे लिए और दोस्तों से उधार तक लिया।
इतना पैसा खर्च करने के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि टेस्ट में पता चला कि दवाइयों ने उसकी किडनी को नुकसान पहुंचाया है। जब उसने फर्जी डॉक्टर से इसकी शिकायत की तो उसने उल्टा दवा बंद न करने की धमकी दी और कहा कि दवा बंद की तो हालत और खराब हो जाएगी। पुलिस का कहना है कि यह बड़ा फ्रॉड है और आरोपी अवैध और महंगी दवाइयां बेचकर लोगों को ठग रहे थे। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश में है।
