चुनाव आयोग ने खर्चा निगरानी टीमों को कर दिया है सतर्क, बाजारों में खरीदारों पर भी रहेगी खास नजर
लुधियाना 25 मई। जैसा कि सभी छोटे-बड़े चुनावों में अकसर सुनने में आता है कि उम्मीदवारों वोटरों को तोहफे बांटकर लुभाते हैं। लिहाजा इसके मद्देनजर भारतीय निर्वाचन आयोग के रडार पर अब लुधियाना संसदीय क्षेत्र भी है।
बाकायदा इस तरह की निगरानी के लिए प्रति-नियुक्त व्यय पर्यवेक्षकों पंकज कुमार, आईआरएस और चेतन डी कलमकर, आईआरएस ने शनिवार को अधिकारियों से रणनीतिक बैठक की। जिसमें उन्होंने अपनी टीमों से कहा कि वे मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखें। इसके अलावा बर्तन, छत के पंखे, कुकर, मिक्सर, ग्राइंडर, मशीनें, कपड़ों की दुकानों पर भी बिक्री का ब्योरा खंगालते रहे।
पर्यवेक्षकों ने शनिवार को विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं का उपयोग सीधे वितरण या कूपन प्रणाली के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने चुनावों के सुचारू, निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इन सभी वस्तुओं की बिक्री के साथ-साथ पिछले महीनों की बिक्री का ब्योरा भी जुटाने को कहा। साथ ही बताया कि इसका उद्देश्य ऐसे उत्पादों की बिक्री में किसी भी अचानक और अस्पष्ट वृद्धि का पता लगाना था।
पर्यवेक्षकों ने उनसे अंतर्राज्यीय सीमाओं से ऐसी वस्तुओं के परिवहन पर निगरानी रखने, चेक पोस्ट स्थापित करने के लिए भी कहा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सभी 43 उम्मीदवारों के रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के बैंक लेनदेन पर नजर रखनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से केमिस्टों या थोक विक्रेताओं द्वारा मुख्य रूप से आदत बनाने वाली दवाओं की बिक्री पर रोजाना नज़र रखने को भी कहा।
पर्यवेक्षकों ने चुनाव अवधि के दौरान शराब की आवाजाही की महत्वपूर्ण निगरानी पर भी प्रकाश डाला और सभी प्रमुख जांच चौकियों पर औचक जांच का आग्रह किया। उन्होंने एजेंसियों से सतर्क रहने और बरामदगी के मामले में एसएसटी, वीएसटी और एफएसटी का उपयोग करने को भी कहा। व्यय पर्यवेक्षकों ने चुनाव अवधि के दौरान एजेंसियों द्वारा जब्ती के दौरान पालन की जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने सभी एजेंसियों को व्यय निगरानी सेल के साथ समन्वय और तालमेल से काम करने और सभी जब्ती के बारे में तुरंत जानकारी देने का निर्देश दिया। पर्यवेक्षकों ने कमिश्नरेट पुलिस, लुधियाना ग्रामीण पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल, हवाई अड्डा प्राधिकरण, आयकर विभाग, उत्पाद शुल्क विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में भी इस बारे में जानकारी ली।
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