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गुस्ताख़ी माफ़ 25.5.2024
साधे बिन चारा नहीं, कैसे सधें जवान।
इन्हें पटाना आजकल, काम नहीं आसान।
काम नहीं आसान, न करना झूठे वादे।
जागरूक हैं युवा, समझते ग़लत इरादे।
कह साहिल कविराय, वोट ये लगभग आधे।
कुर्सी दिखती दूर, युवाओं को बिन साधे।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल