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बिट्‌टू-वड़िंग तो उलझे पड़े निजी-हमले करने में, ऐसे में प्रचार में जुटे पप्पी की लॉटरी न लग जाए

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राज्यसभा सांसद अरोड़ा साथ चल रहे, इसका भी फायदा मिल सकता है आप उम्मीदवार को

नदीम अंसारी

लुधियाना 24 मई। हॉट-सीट बन चुके लुधियाना लोकसभा क्षेत्र के राजनीतिक-समीकरण फिर पलटते नजर आ रहे हैं। दरअसल चौकोने नजर आने वाले मुकाबले में प्रचार के नजरिए से देखें तो भी हालात बदले हैं। ताजा हालात यह हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान यूं तो बयानबाजी के मामले में सबसे ज्यादा चर्चा में भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्‌टू हैं। जबकि इस

जुबानी-जंग में उनका सीधा मुकाबला कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से चल रहा है। हालत यह आ चुकी है कि मोदी-राहुल वाले अंदाज में दोनों ही दिन-रात एक-दूसरे पर बस निजी हमलों में जुटे हैं।

सियासी जानकारों की मानें तो इस सबके बीच आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अशोक पराशर पप्पी जुबानी-जंग में जरुर पीछे हैं। वह जनता की नब्ज टटोलते हुए सीधे आप सरकार की उपलब्धियां लेकर चुनावी सभाएं और डोर-टू-डोर कंपेन में व्यस्त हैं। जानकारों के मुताबिक ताजा हालात में शिरोमणि अकाली दल-बादल के प्रत्याशी रणजीत सिंह ढिल्लों दोतरफा पिछड़े हुए हैं। उनकी प्रचार मुहिम बिट्‌टू बनाम वड़िंग वाले घमासान की वजह से ज्यादा चर्चा में नहीं है। दूसरी तरफ, दो साल से बतौर जनप्रतिनिधि सक्रिय पप्पी के मुकाबले भी वह प्रचार के मामले में कुल मिलाकर बढ़त लेते नहीं नजर आ रहे।

 

सांसद के साथ से मिली पप्पी को बढ़त : वैसे तो जानकारों की नजर में इस बार मतदाता खुलकर नहीं बोल रहे। हालांकि उनका मन टटोलने पर यहां की सियासी-हवा के रुख का अंदाजा जरुर लग रहा है। अपने मुद्दों पर बात करने की बजाए वोटर बिट्‌टू और वड़िंग को निजी हमले करते देख खुश नहीं हैं। कई तरह से कमजोर नजर आ रहे अकाली दल व उसके प्रत्याशी से भी वोटर बहुत उम्मीदें नहीं रख रहे। अब रही बात आप की तो पंजाब में उसकी सत्ता है। आप उम्मीदवार पप्पी पिछली बार जीतकर विधायक भी बने थे। अब उनकी चुनाव मुहिम में आप के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा कदमताल कर रहे हैं। लिहाजा कई नजरिए से मतदाता आप उम्मीदवार को पूरी गंभीरता से लेते नजर आ रहे हैं।

राज्यसभा सांसद से क्या उम्मीदें : जानकारों की नजर मेंअपनी बुनियादी समस्याओं के मद्देनजर सोचने वाले वोटर आप का पक्ष मजबूत मान रहे हैं। उनको लग रहा है कि राज्य में आपकी सरकार है तो जीतने पर पप्पी उनके राज्य स्तर के मसले करा ही देंगे। जहां तक फंड की बात है तो आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा भी संयोग से लुधिया

ना से ही हैं। लिहाजा वह किसी और लोकसभा क्षेत्र की बजाए अपनी सांसद निधि पप्पी की मार्फत जनहित की योजनाओं पर खर्च कर सकते हैं। पृष्ठभूमि खंगालें तो आप उम्मीदवार पप्पी विधायक रहते हुए भी हल्के में पिछडे़, कमजोर तबके के लोगों के तो तमाम छोटे-मोटे मसले हल कराते ही रहे हैं। दूसरी तरफ, कारोबारियों, नौजवानों और समाज के बाकी वर्गों में भी उनकी मूवमेंट शुरु से रही है। मुमकिन है कि इसका फायदा भी उनको मिल सकता है। यहां गौरतलब है कि कांग्रेस के टिकट पर जीतकर दो बार लुधियाना से सांसद रहे बिट्‌टू पर लोगों के फोन तक नहीं सुनने के आरोप लगते रहे हैं। जबकि कांग्रेसी उम्मीदवार राजा वड़िंग पर बाहरी का ठप्पा लगा है। इस नजरिए से भी पुराने लुधियाना में रहने वाले पप्पी के हक में स्थानीय होने का दावा है।

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