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एकदम सही पकड़े हैं जी
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खद्दरधारी जब सो रहे थे, तब वोटर गया था जगाने
कल तक हाथ जोड़ने वाले तब उसको लगे भगाने
आज वो ही वाले खद्दरधारी खड़े हैं वोटर के सिरहाने
वो लेटे-लेटे कह रहा, तुम भी कल आना मुझे जगाने
——- बड़का वाले कविराय