बयानबाजी में माहिर मोदी के निशाने पर आई कांग्रेस बाहरी-मुद्दे के बहाने बिहार में भुनाईं पूर्वांचली-भावनाएं
लुधियाना 22 मई। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पंजाब में भी वोटिंग होनी है। इसके पहले कमोबेश सभी प्रमुख दल हर दिन नए मुद्दों की तलाश में रहते हैं। बीते दिनों संगरुर लोस सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैहरा के बोल बिगड़े तो वह पूर्वांचलियों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दे बैठे। बस फिर क्या था, सबसे पहले भाजपा ने इस मुद्दे को हवा देनी शुरु की।
क्षेत्रवाद-सामाजिक बिखराव को बढ़ावा देने वाला यह मुद्दा कितना तूल पकड़ सकता है, इसका अंदाजा बिहार में पीएम मोदी की रैली से लगा सकते हैं। यहां बताते चलें कि पंजाब में पूर्वांचलियों यानि यूपी-बिहार के मजदूरीपेशा लोगों की एक बड़ी तादाद है। शायद पंजाब के भाजपा नेताओं ने खैहरा के बयान वाली खबर पीएम नरेंद्र मोदी तक भी पहुंचा दी। तभी तो मोदी जैसे ही मंगलवार को बिहार दौरे पर गए तो उन्होंने यह मुद्दा भी खूब उछाला। बिहार की पूर्वी चंपारण और महाराज गंज लोस सीटों पर उनकी चुनावी रैलियां थीं। वहां पीएम मोदी ने संगरुर के कांग्रेसी उम्मीदवार खैहरा का नाम लिए बिना ही कांग्रेस को क्षेत्रवाद पर घेरा।
मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बोले कि कांग्रेस के शाही परिवार के करीबी पंजाब के एक नेता ने एक चुनावी रैली में कहा कि बिहार के लोगों का बहिष्कार करना चाहिए। बिहार के लोगों को पंजाब में न घर खरीदने दिए जाएं और उनको अधिकर भी नहीं देने चाहिएं। बिहार के लोगों के खिलाफ कांग्रेस के दिल और दिमाग
में इतनी नफरत भरी हुई है। पीएम ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के नेता पंजाब में बिहार के लोगों का बहिष्कार क
रने की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ बिहार में कांग्रेस और आरजेडी मिलकर वोट मांग रहे हैं। कांग्रेसी नेता के इस बयान पर पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने कोई सवाल तक नहीं उठाया।
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