पंजाब की राजनीति में हंगामा, केंद्र ने पार्लियामेंट सेशन में चंडीगढ़ को दूसरे यूटीस के साथ जोड़ने वाला बिल लिस्ट किया, कुछ घंटों बाद हुआ वापिस

Rajdeep Saini
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चंडीगढ़ 23 नवंबर। एक ऐसे कदम से जिससे पंजाब में राजनीतिक तूफान आ गया है, केंद्र ने पार्लियामेंट के आने वाले विंटर सेशन में एक बिल लिस्ट किया है जो चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेशों (यूटीस) अंडमान और निकोबार आइलैंड्स, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और पुडुचेरी के साथ जोड़ने की कोशिश करता है। ये यूटीस बिना विधानसभा के हैं और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त स्वतंत्र लेफ्टिनेंट गवर्नर द्वारा चलाए जाते हैं। पार्लियामेंट्री बुलेटिन में पेश करने, विचार करने और पास करने के लिए लिस्टेड संविधान (131वां संशोधन) बिल-2025 में भारत के संविधान के आर्टिकल 240 में चंडीगढ़ यूटी को शामिल करने का प्रस्ताव है, जो बिना विधानसभा वाले दूसरे यूटीस यानी अंडमान और निकोबार आइलैंड्स, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, और पुडुचेरी (जब इसकी लेजिस्लेटिव असेंबली भंग या सस्पेंड हो जाती है) के साथ अलाइनमेंट में है। आर्टिकल 240 प्रेसिडेंट की इस प्रोविज़न के तहत आने वाले यूटीस के लिए रेगुलेशन बनाने की पावर से जुड़ा है और प्रेसिडेंट को सीधे कानून बनाने और उन यूटीस के गवर्नेंस के बारे में रेगुलेशन बनाने का अधिकार देता है।

गर्वर है मुख्य प्रशासक

ये डर इस बात से और बढ़ जाते हैं कि जिन सभी यूटीस के साथ केंद्र चंडीगढ़ को ब्रैकेट में रखना चाहता है, उन पर अभी एलजी का राज है। चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एक इंडिपेंडेंट एलजी का अपॉइंटमेंट 41 साल पुराने सिस्टम को उलटने जैसा होगा, जिसके तहत पंजाब के गवर्नर को एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया था। यह प्रैक्टिस 1984 में शुरू हुई थी, जब पंजाब में टेररिज्म आया था।

लीडरों द्वारा जाहिर किया गया गुस्सा

पंजाब के पॉलिटिकल लीडर्स अब प्रपोज़्ड बिल पर एक साथ गुस्सा दिखा रहे हैं, उनका कहना है कि यह कदम राज्य के अपनी जॉइंट कैपिटल पर हिस्टोरिक क्लेम और ऑटोनॉमी के लिए खतरा है। जबकि अपोज़िशन पार्टियों ने ज़ोरदार विरोध करने की कसम खाई है, बीजेपी चुप है। हंगामा बढ़ने पर केंद्र ने रविवार को कहा कि पार्लियामेंट के आने वाले विंटर सेशन में रिलेटेड ड्राफ्ट लॉ को पायलट करने का उसका कोई प्लान नहीं है। केंद्र ने अपना फैसला वापस लिया, कहा कि संसद में चंडीगढ़ को दूसरे यूटीस के बराबर लाने के लिए पायलट बिल लाने का कोई इरादा नहीं है। होम मिनिस्ट्री ने कहा कि यह बिल 1 दिसंबर से शुरू होने वाले विंटर सेशन में पेश नहीं किया जाएगा।


एमएचए ने दी सफाई एमएचए ने X पर कहा, केंद्र सरकार द्वारा खास तौर पर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए कानून बनाने के प्रोसेस को आसान बनाने का प्रपोज़ल अभी केंद्र सरकार के लेवल पर विचाराधीन है। इस प्रपोज़ल पर कोई आखिरी फैसला नहीं लिया गया है।

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