लुधियाना 16 मई। एटीआईयू के सदस्यों की और से एक मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें उनकी और से बिजली विभाग की पिक एंड चूज पॉलिसी की निंदा करते हुए विरोध किया गया। एटीआईयू के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएसपीसीएल सरकारी विभागों से बकाया धनराशि वसूलने के लिए गंभीर नहीं है। जबकि यदि कोई औद्योगिक इकाई कुछ दिनों के लिए छोटी राशि जमा करने में विफल रहती है तो उसका कनेक्शन काट दिया जाता है। मंदी से जूझ रहे उद्योग को जब भी किसी मदद और समर्थन की जरूरत होती है तो किसी भी सरकारी विभाग द्वारा कोई राहत नहीं दी जाती है।
पावरकॉम विभाग को करना चाहिए विचार
वहीं, उपाध्यक्ष भूषण गुप्ता ने कहा कि कोविड अवधि के दौरान भी उद्योग को किसी भी विभाग से कोई राहत प्राप्त किए बिना सभी टैक्स का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां तक कि बैंकों ने भी कोई स्थायी राहत नहीं दी और केवल कुछ दिनों के लिए ब्याज भुगतान में देरी की। पीएसपीसीएल को अपने सभी उपभोक्ताओं पर विचार करना चाहिए और समाज के सभी वर्गों से अपना बकाया वसूलना चाहिए। उद्योग जगत की यह आम धारणा है कि किसानों और सरकारी विभागों का बोझ उद्योग पर डाला जाता है जो उचित नहीं है।
सभी व्यापारी एकजुट हो उठाए आवाज
सीनियर वाइस प्रेजिडेंट संजीव गुप्ता की और से सभी औद्योगिक क्षेत्रों से एकजुट होने और पीएसपीसीएल की इस गलत नीति के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। पीएसपीसीएल को कंपनी कानून के तहत सरकार द्वारा एक लिमिटेड कंपनी बनाया गया था, लेकिन यह एक सरकारी विभाग की तरह काम करता है जो हमेशा अन्य सरकारी विभागों का पक्ष लेता है। इस दौरान संयुक्त सचिव विनीत गुप्ता और वीपी अनिल सचदेवा मौजूद थे।