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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कसे तंज, किसान को राजनीतिक बताते हुए किए तीखे सवाल

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आप-कांग्रेस को एक ही बताते जाखड़ ने लगाया आरोप, विरोधी पार्टियां ही किसानों को बना रहीं सियासी-मोहरा

चंडीगढ़ 15 मई। पंजाब में किसानों द्वारा जहां-तहां पार्टी उम्मीदवारों के घेराव से भारतीय जनता पार्टी झुंझला उठी। भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीधे इलजाम जड़ दिया कि अब किसान राजनीतिक हो गए हैं।
जाखड़ ने अपना दावा दोहराया कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों को लेकर गंभीर है। दस साल में किसानों को फसलों पर एमएसपी बिना किसी रुकावट दे रही है। विरोधी पार्टियों द्वारा किसानों को मोहरा बनाया जा रहा है । उन्होंने किसानों नेताओं को अपरोक्ष चुनौती दी कि वह बीजेपी का विरोध करें, लेकिन एक पार्टी चुन लें। साथ ही उस पार्टी लिए कुछ खुलकर भी करें।
उन्होंने किसानों नेताओं को कहा कि वह आम किसानों को बदनाम न करें। किसी के बच्चों को न मरवाएं। वह राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर बरसते बोले कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक की जैसे दल हैं। चंडीगढ़ में ही देख लो, दोनों एक साथ है। जबकि पंजाब में विजिलेंस डिपार्टमेंट बड़ा भारी है। भगवंत मान विधानसभा में कह देते हैं कि नीचे देखो, वरना देख लेंगे। हालांकि उन्होंने साफ किया है किसानों के मामले को हल कराने के लिए वह भी आप सरकार के साथ खड़े हैं।
भाजपा प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को किसान सम्मान निधि दे रही है। स्कीम में पूरे देश से 11 करोड़ किसान रजिस्टर्ड थे, यह संख्या हर साल बढ़ रही है। जबकि इसमें पंजाब के किसानों की संख्या 23 लाख थे, इसमें करीब आठ लाख किसानों को ही स्कीम का फायदा मिल रहा है। अभी तक 15 लाख किसानों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। यह किसान फायदा इसलिए नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि इनकी केवाईसी नहीं हुई। केवाईसी करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी। आप सरकार ने यह जिम्मेदारी नहीं उठाई। इस वजह से हर साल 900 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
भाजपा नेता जाखड़ ने सवाल किया कि पंजाब में आप सरकार एमएसपी पर बोनस क्यों नहीं दे रही। राजस्थान व मध्य प्रदेश सरकार किसानों को बोनस दे रही हैं। इसी तरह अगर पंजाब के किसानों को गेहूं और धान की फसल बोनी है तो फिर 23 फसलों पर एमएसपी क्या जरूरत है। जाखड़ ने किसान नेताओं को कहा कि अगर आप तीन कानून वापस करा सकते तो इस मुद्दे पर सूबे की आप सरकार को क्यों नहीं घेरते।
तैश में आए भाजपा प्रदेश प्रधान ने आंदोलन को लेकर किसान नेताओं को घेरते कहा कि किसान अब राजनीतिक हो गए है। जब पैरों में घुंघरू बांध लिए तो नाचने से क्यों डर रहे हो। किसान नेता जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, उनका हल सड़क और चौराहों पर नहीं होगा। इसके लिए संसद में जाना होगा। उन्होंने किसान नेताओं को पार्टी चुनने की सलाह देते उनके सियासी हो जाने की मिसालें भी दीं।
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