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गुस्ताख़ी माफ़ 15.5.2024
घरवाली ही मित्रवर, होती सबसे ख़ास।
बाहरवाली पर करें, कैसे हम विश्वास।
कैसे हम विश्वास, साफ़ ना कर दे पत्ता।
घरवाली यदि रही, रहेगी घर में सत्ता।
कह साहिल कविराय, पराई बाहरवाली।
कवरिंग कैंडीडेट, बनाई है घरवाली।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल