भाजपा के रोड-शो में खुले खर्च पर रही चुनाव आयोग की भी ‘तीसरी-नजर’
नदीम अंसारी
लुधियाना 10 मई। लोकसभा सीट लुधियाना में चौकोना मुकाबला बनते देख भाजपा ‘डिफेंसिव-मोड’ पर है। शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू के नामाकंन-पत्र दाखिल करने के दौरान ऐसे साफ संकेत मिले।
सबको साधने वाली नीति के तहत बीजेपी नेता पहले अपने प्रत्याशी बिट्टू को गुरुद्वारा साहिब, फिर मंदिर ले गए।
हालांकि शहरी जनता इसे भाजपा की इस दोहरी रणनीति मान रही है। गुरुद्वारा साहिब के पास ही ऐतिहासिक जामा मस्जिद-पंजाब का दीनी मरकज और थोड़ी दूर मशहूर चर्च भी है। बिट्टू खुद दशकों कांग्रेस में रहते हुए वहां जाते थे। खैर, धार्मिक-रस्मों से निपटकर भाजपा ने पूरी राजनीतिक रंगत के साथ शक्ति प्रदर्शन के चक्कर में आम लोगों को बेहाल कर दिया। जगरांव पुल के पास से महज आधा किमी की पैदल यात्रा में इतनी भीड़ जुटाई कि लंबा जाम लगा। भीषण गर्मी में सैकड़ों वाहन, हजारों राहगीर फंसे ऐसी राजनीति करने वालों को कोसते दिखे।
इस पॉल्टिकल-शो में खर्च के मामले में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई। यहां काबिलेजिक्र है कि
बीजेपी प्रत्याशी ने दावा किया कि सरकारी कोठी का किराया आज चुकाने के लिए उन्होंने जमीन-जेवर गिरवी रखे, दोस्तों-रिश्तेदारों से कर्ज लिया। इसका मतलब उनकी पार्टी भाजपा वाले उनको मोदी-परिवार में नहीं मानते। वर्ना साथ आई भीड़ की आवभगत और रोड-शो पर तो पार्टी ने लाखों रुपये खर्च कर दिए। कई टैंपों में लदे बोतलों वाला पानी और लस्सी के पैकेट बांटे, टैंपों भरकर गुलाब के फूल-पत्ती रोड शो पर बरसा दिए। महंगे आदमकद होर्डिंग-झंडे भी खूब लगाए, शानदार मंच सजाया।
अब बीजेपी कुछ भी दावे करें, खर्च का आंकलन करने वाली चुनाव आयोग की टीम सब कुछ कैमरों में रिकॉर्ड कर रही थी। उस पर तो विपक्षी पार्टी वाले आरोप भी नहीं लगाए जा सकते हैं। सबसे अहम पहलू, भूतपूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को लेकर बिट्टू-बीजेपी का स्टैंड अभी तक दोहरा नजर आता है। रोड-शो के रुट पर फिर भूतपूर्व सीएम बेअंत सिंह के बड़े कटआउट नजर आए। जबकि भाजपा वाले कई होर्डिंग में तमाम पार्टी नेता की तस्वीरें तो हैं, लेकिन बेअंत सिंह गायब होते हैं।
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