आजाद उम्मीदवार बीच मझधार में छोड़ गए हरियाणा सरकार की नाव, सरकार गिराने को कांग्रेस पर निगाहें
नदीम अंसारी
चंडीगढ़ 8 मई। लोकसभा चुनाव में सियासी-तापमान में और इजाफा हो गया है। दरअसल हरियाणा में भाजपा सरकार के ‘तंबू’ से तीन आजाद विधायकों ने ‘बंबू’ खींच लिए हैं। लिहाजा अब मुख्यमंत्री नायब सैनी अपनी सरकार बचाने को कोई नायाब-तरकीब सोच रहे हैं। जाट-लैंड में भाजपा सरकार को हिलाने की ‘हिमाकत’ तीन आजाद विधायकों पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान ने की है।

यहां गौरतलब है कि इसी मार्च महीने में हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूट गया था। जिसके बाद भाजपा ने अब बागी हुए आजाद विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। अब बीजेपी के लिए ‘विलेन’ साबित हो चुके यही तीनों आजाद विधायक ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की मौजूदगी में कांग्रेस के समर्थन में खड़े हो चुके हैं। इसके बाद हरियाणा में सियासी-महाभारत शुरु हो गई है। विपक्षी दल फौरन आगे आए और मुख्यमंत्री नायब सैनी से इस्तीफा मांग रहे हैं। जबकि सीएम सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर दावा ठोक रहे हैं कि बीजेपी सरकार को कोई खतरा नहीं है।
चौटाला-हुड्डा ने चलाए शब्द-बाण : अब बीजेपी के सियासी-दुश्मन व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कांग्रेस को उकसा रहे हैं कि वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। नायब सैनी नैतिकता के आधार पर बहुमत साबित करें या फिर इस्तीफा देकर घर जाएं। चौटाला ने कहा कि हम जब तक सरकार के साथ हैं, तब तक ऐसे हालात नहीं थे। पहले लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पिछली खट्टर सरकार के
खिलाफ था। अब राज्य में नई सरकार बनी है तो इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए 6 महीने के गैप की जरूरत नहीं है। कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाए, हम उनका साथ देंगे।
इस हाई-वोल्टेज सियासी-ड्रामे में सबके किरदार जोरदार तरीके से सामने आ रहे हैं। चौटाला के चैलेंज देने पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटकर सलाह दी कि दुष्यंत को कांग्रेस को समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को दें। बेवजह भाजपा की बी-टीम बनकर काम करने वाली बयानबाजी से बचे रहें।
नायब ने दी नायाब-दलील : अब हरियाणा में बीजेपी सरकार बचेगी या गिरेगी, असल मुद्दे से भटकाते हुए सीएम नायब सिंह सैनी ने सियासी-रुख बदलने वाला बयान दिया। उनका इलजाम है कि कांग्रेस की तो इच्छा ही सरकार बनाने की रहती है। साथ ही दावा ठोका कि हरियाणा में बीजेपी सरकार को कोई भी खतरा नहीं है। सरकार अल्पमत में नहीं है। पूरे देश ने कांग्रेस का इतिहास देखा है। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के नेता अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए कोशिश करती है। लगे हाथों पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भी गौर कर लें। वे आजाद विधायकों के समर्थन वापसी पर बोले कि ये चुनावी माहौल है, कौन किधर जाता है, किधर से आता है, इसका कोई खास अंतर पड़ने वाला नहीं है। बहुत से विधायक हमारे भी संपर्क में हैं, इसलिए किसी को भी ये चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
आजाद विधायक भी दंगल में कूदे : सैनी सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने कहा कि सरकार के साथ थs और रहेंगे। जिन निर्दलीय विधायकों को कुछ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन जब कुछ नहीं मिला तो वह निराश हो गए।
विपक्ष उकसा रहा हुड्डा को : जजपा के महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा अगर भाजपा के हाथों में नहीं खेल रहे तो हरियाणा सरकार
को गिरा दें। यह सरकार अल्पमत में है। अगर कांग्रेस या हुड्डा को जरूरत पड़ती है तो जजपा के विधायक सरकार गिराने में मदद के लिए तैयार हैं। वहीं, बीजेपी के सीनियर नेता अनिल विज ने कहा कि हुड्डा की ख्वाहिश पूरी नहीं होगी। वैसे मुझे दुख है कि आजाद विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया, लेकिन पू हुड्डा को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। अभी हमारे तरकश में कई तीर हैं और हमारी सरकार ट्रिपल इंजन की सरकार है। इसी बीच हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने पूर्व डिप्टी सीए दुष्यंत चौटाला के बयान पर कहा है कि सरकार अल्पमत है, यह आंकड़े उनके पास होंगे। विधानसभा में अभी भी वही दलीय स्थिति है, जो एक महीने पहले थी। उन्होंने कहा कि अभी मेरे पास ऐसी कोई भी जानकारी न तो लिखित रूप में आई है, और न ही मौखिक रूप में कि सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। कुल मिलाकर हरियाणा में सियासी-महाभारत रोमांचक स्थिति में है। जिसके परिणाम को लेकर फिलहाल कोई ठोस दावा नहीं कर सकता है।
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