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कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग की लुधियाना से उम्मीदवारी का पार्टी में ही जारी है विरोध

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कई टकसाली नेता पार्टी में ही रह स्यान की अगुवाई
में विरोध करेंगे, कांग्रेस प्रवक्ता मेहता का इस्तीफा

लुधियाना 30 अप्रैल। लोकसभा सीट लुधियाना से अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को उम्मीदवार बनाते ही उनका विरोध शुरु हो गया। पार्टी के लिए चिंताजनक पहलू यह है कि कांग्रेसी ही अपने उम्मीदवार की मुखालिफत पर उतर आए हैं।
कांग्रेस के प्रांतीय संगठन सचिव रविंदर स्यान के साथ टकसाली नेता-वर्कर वड़िंग के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। स्यान और सरबजीत सिंह इंदरजीत सिंह धवन, राजू ठाकुर ने दोटूक कहा कि वे पार्टी में रहकर ही कांग्रेस प्रदेश प्रधान वड़िंग को यहां से उम्मीदवार बनाने का विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से मांग की कि लुधियाना में उम्मीदवार को तत्काल प्रभाव से बदला जाए।
विरोध की वजह बताते स्यान ने दलील दी कि उन जैसे पार्टी के वफादार सिपाही कई दशक से कांग्रेस का झंडा बुलंद कर रहे हैं। लुधियाना में योग्य दावेदारों की कमी नहीं है, ऐसे में वड़िंग को उम्मीदवार बना उन दावेदारों के साथ टकसाली वर्करों की भावनाएं आहत की गई हैं। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उम्मीदवार नहीं बदला तो वे पार्टी में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अपना विरोध जारी रखेंगे। साथ ही इलजाम लगाया कि वड़िंग के प्रधान रहते तमाम वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ गए। जबकि अहंकार से भरे वड़िंग ने उनको रोकने की बजाए यह कहकर उनका अपमान किया था कि जिनको जाना है चले जाएं, पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
दूसरी तरफ, पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता वरुण मेहता ने तो वड़िंग को उम्मीदवार बनाने के विरोध में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। वह बोले कि पिछले चार वर्षो में पार्टी

संगठन में सिर्फ एक ही सूची प्रदेश प्रधान रहे नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यकाल में ही जारी हुई थी। जिसमें उनके (मेहता) सहित 38 अन्य प्रवक्ता नियुक्त हुए थे। मेहता ने रोष जताया कि चुनाव लड़ना हर नेता व कार्यकर्ता का हक है, लेकिन शहर के नेताओं व कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर पार्टी की सर्वोच्च लीडरशिप ने तानाशाही का रवैया अपनाया। वड़िंग के कार्यकाल में पार्टी गर्त में चली गई, फिर भी उनको उम्मीदवार बना लुधियाना के वर्करों पर थोप दिया गया।
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