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कांग्रेस वाकई जो चाहती थी बिट्‌टू ने कर दिया, वड़िंग के उम्मीदवार बनते ही खोल दिया मोर्चा

वड़िंग के कांग्रेसी उम्मीदवार बनते ही बीजेपी उम्मीदवार बिट्‌टू उन पर बरसे

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लुधियाना के वोटरों को देना था संदेश, भाजपा

अब अपना मुकाबला मान रही सीधे कांग्रेस से

नदीम अंसारी

लुधियाना 29 अप्रैल। भले ही भाजपा का राजनीतिक जाल पूरे देश में फैल गया हो, लेकिन उससे पहले यही सब कुछ कर चुकी कांग्रेस भी रणनीतिक-तौर पर पीछे नहीं आंक सकते। मसलन, इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्‌टू के आने से लुधियाना सीट हॉट बन रही थी। लिहाजा चौकोने नजर आने वाले मुकाबले को देख कांग्रेस ने सियासी-माहौल बदलने वाला दांव चला। सोमवार को जैसे ही लुधियाना सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नाम का ऐलान हुआ, फौरन बिट्‌टू की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ गई।

उनकी प्रतिक्रिया से कमोबेश यही संदेश गया कि वह अपना सीधा मुकाबला कांग्रेसी उम्मीदवार से मान रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार बिट्‌टू के बयान पर जरा गौर करें। वह बोले कि चुनाव लड़ने के लिए लुधियाना में कांग्रेस को कोई स्थानीय नेता नहीं मिला। यह कांग्रेस पार्टी के कैडर को झटका है। कांग्रेस को पार्टी अध्यक्ष उम्मीदवार बनाना पड़ा। कांग्रेसी उम्मीदवार वड़िंग चुनाव में अपनी ‘समर रिट्रीट’ का आनंद लेने के लिए लुधियाना आ रहे हैं। लुधियाना का मतदाता किसी बाहरी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार कैसे स्वीकार कर सकता है ? वड़िग गिदड़बाहा से मौजूदा विधायक भी हैं, ऐसे में वहां के मतदाता क्या संदेश देंगे कि हमारा प्रतिनिधि भाग गया। कांग्रेस ने बाहरी व्यक्ति मैदान में उतार पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली।

यहां काबिलेजिक्र है कि भाजपा उम्मीदवार बिट्‌टू ने पूरी बयानबाजी में सिर्फ कांग्रेस और उसके उम्मीदवार को कोसते हुए अपरोक्ष रुप से स्वीकार लिया कि कांग्रेस उनके लिए चुनौती बनी है। मीडिया कर्मियों के सवाल करने के बावजूद उन्होंने चुनाव मैदान में मौजूदा बाकी पार्टियों, उनके कैंडिडेट्स पर कुछ नहीं बोला। वहीं, कांग्रेस को खुद ही ‘हाईलाइट’ करने की बजाए अपनी व भाजपा की उपलब्धियां तक नहीं गिनवाईं।

आशु ने बिट्टू को भगोड़ा कह डाला :  लुधियाना सीट से कांग्रेस के सबसे मजबूत दावेदार व सूबे के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की प्रतिक्रिया दिलचस्प रही। वह बोले कि यह सीट बीजेपी उम्मीदवार रवनीत बिट्‌टू को बनाए जाने के बाद बेशक अहम सीट बन चुकी थी। लिहाजा कांग्रेस ने उन्हें (पार्टी के एक्टिंग प्रधान) की बजाए सबसे ताकतवर उम्मीदवार यानि प्रदेश प्रधान राजा वड़िंग को ही मैदान में उतार दिया। दूसरों को बाहरी उम्मीदवार बताने वाले तो खुद कांग्रेस से भगोड़े हैं। अपरोक्ष बिट्‌टू को खरी-खरी सुनाते आशु बोले कि जब हमने प्रधान को उतार दिया तो सारी पार्टी ही मैदान में आ गई। उतारा भी इसीलिए कि ताकि भगोड़ों को भगा सकें। अपनी दावेदार को लेकर गंभीर उत्तर दिया कि यह टिकट की लड़ाई नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और जनता के मुद्दों को लेकर वैचारिक लड़ाई है। पार्टी हाईकमान के फैसले पर कोई कमेंट नहीं कर सकते, केवल फैसले का स्वागत करते हैं। साथ ही दावा किया कि मैं पहले चुनाव लड़ने में इंट्रेस्टेड ही नहीं था, मुझे तो दावेदारी के लिए राजी किया गया था। यह भी माना कि ऐसा कुछ नहीं कि कांग्रेस को कोई वॉकओवर मिल गया, हमें इस सीट पर भी मजबूती से लड़ाई लड़नी है, हम तैयार भी हैं।

तलवाड़ बोले, अध्यक्ष बाहरी नहीं होता : कांग्रेस जिला प्रधान संजय तलवाड़ ने भी बिट्‌टू पर पलटवार करते तंज कसा कि पार्टी का प्रदेश प्रधान पूरे सूबे का होता है। वह यानि लुधियाना से हमारे उम्मीदवार राजा वड़िंग कांग्रेसियों के लिए बाहरी नहीं हैं। जहां तक दावेदारी का सवाल है तो आशु की तरह मैं भी टिकट का दावेदार था। हाईकमान ने जो फैसला सुनाया, पूरे पंजाब की कांग्रेस को मंजूर है।

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