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लोस चुनाव के दौरान ‘गर्म-हवा’ भी चलने की आशंका, खालिस्तान समर्थक उम्मीदवार अमृतपाल की एंट्री तय

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खडूर साहिब से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा अमृतपाल सिंह
माता का ऐलान, डिब्रूगढ़ जेल से होगी नामांकन प्रक्रिया

अमृतसर 27 अप्रैल। कभी आतंकवाद का ‘काला दौर’ देख चुके पंजाब में इस लोकसभा चुनाव में फिर से ‘गर्म-हवा’ चलने की आशंका प्रबल हो गई है। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह सूबे की खडूर साहिब लोकसभा सीट से बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा।
अमृतपाल से मुलाकात के बाद उसके वकील ने यह खुलासा किया था। अब यहां उसकी माता बीबी बलविंदर कौर ने मीडिया के सामने रस्मी-तौर पर भी यह ऐलान कर दिया। बीबी ने कहा कि अमृतपाल सिंह पर ‘लोगों’ की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ने का काफी दबाव है। इसलिए उनके फैसले के आगे सिर झुकाते हुए उसने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला कर लिया। जल्द ही ‘संगत’ की बड़ी सभा बुला चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे। इस मौके पर हरजिंदर सिंह बाजेक, बीबी मनधीर कौर, बीबी पलविंदर कौर, भाई करनवीर सिंह वगैराह मौजूद थे।
यहां काबिलेजिक्र है कि अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि एनएसए के तहत एक साल से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। पिछले साल अमृतसर के अजनाला थाने में हिंसा के बाद वह सुर्खियों में रहा था। उस पर आरोप है कि अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी से नाराज होकर उसने समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था।
काले दौर में पंजाब का सियासी-माहौल देख चुके जानकार आशंकित है कि गर्मख्याली अमृतपाल का राजनीति में उतरने के गंभीर अर्थ निकलते हैं। उसकी माता के मुताबिक चुनाव डालने का दबाव ‘लोगों’ का है, जगजाहिर है कि सूबे में अब भी ऐसे लोग कौन हैं। अमृतपाल के जेल जाने से पहले सूबे में जैसा माहौल बन रहा था, उसने काले दौर की ही याद दिलाई थी।
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अमृतपाल के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद खुशी में 

मिठाई बांटते समर्थक

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