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2 रूपये की छूट और अरबों की लूट : एडवोकेट विवेक हंस गरचा

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2 रूपये लीटर की छूट देने का ऐलान किया और निंदा इसलिए की मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बांड के जरिये पांच साल में 60 अरब का चन्दा ईडी की नोंक पर वसूल लिया।

 

चंडीगढ़ 26 अप्रैल : राष्ट्रीय मोर्चा द्वारा संसदीय चुनाव के लिए राष्ट्रीय मोर्चे में शामिल “न्यू कांग्रेस पार्टी” और आम जनता पार्टी इंडिया,ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, आहिरा नेशनल पार्टी राष्ट्रीय मोर्चा और एक दर्जन से अधिक सभी राजनीतिक संगठनों के प्रभारी (चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल एवं राजस्थान ) एवम न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने आज भारत सरकार को धन्यवाद देने के साथ ही उसकी निंदा करने का भी दिन है।

 

एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि धन्यवाद इसलिए की उसने पूरे पांच साल लूटने के बाद जनता को डीजल और पेट्रोल के दामों में दो रूपये लीटर की छूट देने का ऐलान किया और निंदा इसलिए की सरकार ने इलेक्टोरल बांड के जरिये पांच साल में 60 अरब का चन्दा ईडी की नोंक पर वसूल लिया।

 

ये दोनों ही बातें चूंकि तथ्यात्मक हैं इसलिए इन्हें लेकर आप खुद फैसला कर सकते हैं कि आपको आने वाले दिनों में लुटेरी सरकार चाहिए या उसका कोई विकल्प। इसमें कोई दो राय नहीं की हमारी सियासत का ढांचा लोकतान्त्रिक है लेकिन इसमें लूट – खसूट की पूरी गुंजाइश है। पिछले 77 साल में जो भी सत्ता में आया उसने लोक कल्याण के साथ जितना बना देश और देश की जनता को लूटा । किसी ने कम लूटा तो किसी ने ज्यादा लूटा । किसी ने लूटने में उदारता दिखाई तो किसी ने लूटने में पूरी निर्ममता का प्रदर्शन किया।

 

केंद्रीय दर्शाये गए आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि आजादी के बाद कोई सबसे बड़ी लूट मौजूदा सत्ता ने की है। भाजपा की और मोदी की गारंटी वाली सरकार ने पांच साल में इलेक्टोरल बांड के जरिये दस बीस लाख नहीं बल्कि पूरे 60 अरब रूपये देश के उद्योगपतियों से वसूल किये और वो भी ईडी [प्रवर्तन निदेशालय की नोंक पर। आप कहेंगे कि ईडी [प्रवर्तन निदेशालय कोई चाकू या तलवार तो नहीं है जो उसकी नोंक होती हो, लेकिन हकीकत ये है कि इस संस्था की नोक इतनी पेनी है कि जिस की भी गर्दन पर रखी गयी उसने मन से या बेमन से इलेक्टोरल बांड खरीदकर भाजपा के खाते में डाल दिए। लूट का ये नायाब तरीका कांग्रेस छह दशक तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस भी नहीं खोज पायी थी। केंचुआ की वेब साइट पर आयी 762 पृष्ठों की जानकारी का सार ये है कि भाजपा ने पांच साल में कुल 60 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है। इस मामले में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, जिसने 16 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है। राजनीतिक दलों के लिए सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज है। इस कंपनी ने कुल 1368 बॉन्ड खरीदे, जिसकी कीमत 13.6 अरब रुपये से अधिक रही।

 

एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि लुटेरों की सरताज भाजपा अब यदि रसोई गैस पर 100 रूपये की और पेट्रोल-डीजल पर आपको दो रूपये लीटर की छूट दे रही है तो ये कोई अहसान नहीं बल्कि आने वाले आम चुनावों में आपके अनमोल वोट की सबसे सस्ती कीमत है। अब यदि देश की भोली जनता इस हकीकत को नहीं समझती तो उसका मालिक भगवान ही हो सकता है, कोई राजनीतिक दल नहीं। राजनितिक दल तो चोर-चोर मौसेरे भाई हैं कोई छोटा लुटेरा तो कोई बड़ा लुटेरा। लूटना सभी के डीएनए में शामिल है। देश की जनता का दुर्भाग्य है कि उसे इन्हीं लुटेरों के गिरोहों में से अपने लिए चौकीदार, सेवक, संरक्षक और भाग्य विधाता चुनना है। मेरा या दुसरे लेखक/पत्रकार का वाली अनुभव मुमकिन है कि कम हो किन्तु रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास के अनुभव से ही हमें सबक लेना चाहिये। खासतौर पर सत्ता के चुनाव के समय के आचरण को देखकर। चुनाव के मौसम में आखिर जनता के ऊपर उपहारों/ रियायतों की बरसात क्यों हो रही है ? सरकार इतनी विनयवत क्यों है? क्यों झुक रही है? इस संदर्भ में गोस्वामी तुलसीदास इशारों में कहते हैं कि –

 

नवन नीच की अति दुखदाई जिमि धनु, अंकुश, उरग, बिलाई मतलब साफ़ है। वे उदाहरण सहित समझा गए हैं कि जैसे धनुष, अंकुश, सांप और बिल्ली झुकती है तो दुःख ही देती है अर्थात जिसके स्वभाव में नीचता है वो जब भी झुकेगा आपके ऊपर घात करेगा, इसलिये ऐसे सभी तत्वों से सावधान रहना चाहिये । हमारी सत्ता में धनुष, अंकुश, संप और बिल्ली किसी न किसी रूप में विद्यमान है। आज यदि सत्ता रहमदिली दिखा रही है तो समझ लीजिये कि आने वाले दिनों में यही सत्ता आपके ऊपर कहर ढानें, है।

 

 

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