मंगलसूत्र और केंचुआ का ध्यान योग

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केंचुआ हो या चौकीदार यदि अपना काम मुस्तैदी से न करे तो देश का अहित होता है। देश का ही नहीं देश की राजनीति का,सामाजिक तानेबाने का भी अहित होता है। लेकिन होता है तो होता रहे । केंचुआ अपनी ध्यानमुद्रा का त्याग नहीं कर सकता। उसके लिए मौन रहना ही देश हित है भले ही लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का चीर-हरण कोई भी कर ले जाय। अबकी चीरहरण का आरोप विश्वगुरु और हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री जी के ऊपर लगा है । इसके लिए उन्होंने पहली बार सनातनी महिलाओं के मंगलसूत्र का इस्तेमाल किया है।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने संयम पर लगे अलीगढ़ के ताले को अलीगढ़ की एक चुनावी रैली में खोला और बोला कि -कांग्रेस और आईएनडीआईए गठबंधन की नजर अब आपकी कमाई पर है, आपकी संपत्ति पर है। कांग्रेस के शहजादे का कहना है कि उनकी सरकार आई, तो कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है, उसकी जांच कराएंगे। इतना ही नहीं, वो आगे कहते हैं कि ये जो संपत्ति है, उसको कब्जे में लेकर सरकार सबको बांट देगी। ये उनका मेनिफेस्टो कह रहा है। अब इनकी नजर कानून बदलकर, हमारी माताओं-बहनों की संपत्ति छीनने पर भी है। इनकी नजर अब उनके मंगलसूत्र पर है।
मुझे लगता है कि जब प्रधानमंत्री जी ने ये सब कहा है तो उनके भक्तों में तो खलबली मच ही गयी होगी । जो काम बजरंगबली नहीं कर पाए उसे करने का बीड़ा माननीय प्रधानमंत्री जी ने उठाया है। ये प्रधानमंत्री जी ही कर सकते हैं,क्योंकि उनके पास 56 इंच का सीना है जिसे वे पिछले चुनाव में बजरंगबली की तरह जनता को खोलकर दिखा चुके हैं। उनके सीने में सनातन है ,हिन्दू राष्ट्र है । एक निशान,एक विधान है ,लेकिन मुसलमान नहीं है । कांग्रेस नहीं है भ्रष्ट कांग्रेसी हैं । वे 140 करोड़ की आबादी वाले देश में रहने वाले 20 करोड़ मुसलमानों को अलग रखकर देश चलाना चाहते हैं। उनकी कोशिश है कि उनके अंधभक्तों का मंगलसूत्र खतरे में न पड़े भले ही देश की साझा संस्कृति और विरासत का भट्टा बैठता है तो खूब बैठ जाए। माननीय ने अपनी बात अलीगढ़ के बाद राजस्थान में भी दोहराई। गनीमत है कि वहां उन्होंने महिलाओं से ये नहीं कहा की उनका गोरला भी खतरे में है। मोदी जी हर खतरे से वाकिफ है। उन्होंने भले ही अपने घर के मंगलसूत्र को तवज्जो न दी हो लेकिन वे देश की बहुसंख्यक महिलाओं के मंगलसूत्र का ध्यान रखते हैं। यदि वे तीसरी बार सत्ता में आये तो देश में मंगलसूत्र सुरक्षा क़ानून भी ला सकते हैं ,नारी शक्ति वंदना क़ानून की तर्ज पर।
माननीय प्रधानमंत्री जी के भाषण से उनके अन्धभक्तों को खुश होना था ,सो वे हुए ही होंगे,किन्तु कांग्रेस और देश के अल्पसंख्यक दुखी जरूर हो गए । कांग्रेस ने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिए भाषण को भद्दा, गैरकानूनी और संविधान की आत्मा के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से मोदी जी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। प्रधानमंत्री पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा है कि मोदी जी ने अपने पद की गरिमा के प्रतिकूल एक विशेष धार्मिक समुदाय को लक्ष्य कर विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और झूठा बयान दिया है और चुनाव आयोग का दायित्व है कि वह बड़े ओहदे के प्रभाव से मुक्त होकर कानून सम्मत उचित कार्रवाई करे।
लगता है कि कांग्रेस अभी तक देश के केंद्रीय चुनाव आयोग अर्थात केंचुआ को पहचान नहीं पाई है ? भला कोई अपने स्वामी के खिलाफ कार्रवाई करता है ? केंचुआ तो केवल और केवल विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई के लिए बना है ,और ये काम वो बाखूबी कर रहा है। केंचुआ ने बिना कोई भाषण दिए राहुल गांधी नाम के एक नेता को एडवाइजरी जारी की थी। केंचुआ ने एक कांग्रेसी नेता को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोका भी। लेकिन केंचुआ से ये अपेक्षा करना उसके साथ ज्यादती है कि वो माननीय प्रधानमंत्री जी के खिलाफ कोई कार्रवाई करे या उन्हें हटके यानि एडवाइजरी जारी करे। केंचुआ को पता है कि मालिक हो या राजा कभी कोई गलती नहीं करता । यदि करता है तो उसे अनदेखा करने में ही राष्ट्रहित है।
आप मानें या न मानें किन्तु मै अपने प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी को इस दशक का सत्यवादी हरिश्चंद्र मानता हूँ। वे कभी झूठ नहीं बोलते । उन्हें नागपुर वालों ने कभी झूठ बोलना सिखाया ही नही। वे देश के अल्पसंख्यकों के पक्के हितेषी हैं। उन्हें जबरन मुसलमानों,सिखों,ईसाइयों का शत्रु माना जाता है। वे खुद कहते हैं कि तीन तलाक से पीड़ित कितनी ही बेटियों का जीवन तबाह हो गया था। अब मोदी ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर उनका जीवन सुरक्षित किया है। आज न सिर्फ भारत का हज कोटा बढ़ा है बल्कि वीजा नियमों को भी आसान बनाया गया है। सरकार ने महिलाओं को बिना महरम हज जाने की अनुमति भी दी है। कांग्रेस और सपा जैसी पार्टियों ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति की और मुसलमानों के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए कभी कुछ नहीं किया। जब मैं पसमांदा मुसलमानों की मुसीबत की चर्चा करता हूं, तो इनके बाल खड़े हो जाते हैं क्योंकि ऊपर के लोगों ने मलाई खाई और पसमांदा मुसलमानों को कुछ नहीं मिला।
देश के अल्पसंख्यकों को मोदी जी की बात मानना और समझना चाहिए। मोदी जी उनके लिए मोदी भाईजान हैं। और भाईजान से कभी कोई नफरत करता है भला ? राहुल तो ‘राहुल भाईजान ‘ नहीं बन पाए। अलबत्ता मोदी जी और उनकी पार्टी अल्पसंख्यकों को चुनाव में टिकट देकर परेशां नहीं करना चाहते । मोदी जी को पता है कि अल्पसंख्यकों के पास चुनाव लड़ने के लायक न पैसा है और न वोट बैंक । वे चुनाव लड़कर करेंगे भी क्या ? उनके लिए जितना मोदी जी और उनकी पार्टी सोच सकती है उतना तो वे खुद अपने लिए नहीं सोच सकते। वे खामखां मोदी जी से दूर खड़े होना चाहते हैं।
कांग्रेस को मुगालते में नहीं रहना चाहिये । मोदी जी की शिकायत केंचुआ से नहीं करना चाहिये । मोदी जी के खिलाफ शिकायत करना अपना वक्त जाया करने जैसा है। केंचुआ का दफ्तर नक्कारखाना है। वहां तूतियों की आवाज नहीं सुनी जाती। कांग्रेस के पास कोई नक्कारा [नगाड़ा ] है नहीं जो बजाकर केंचुए को नींद से ध्यान से बाहर लाया जा सके। बेहतर हो कि कांग्रेस अपना काम करे और मोदी जी को अपना काम करने दे। मोदी जी मोदी जी हैं उन्हें न बदला जा सकता है और न सुधारा जा सकता है। मोदी युगावतार हैं ,उन्हें अवतार की तरह ही लेना चाहिए। उनके मुंह से जो भी निकले उसे ब्रम्हवाक्य नहीं बल्कि संविधान का एक अनुच्छेद समझकर उसका सम्मान किया जाना चाहिए। मोदी जी ने यदि देश की सनातन महिलाओं के मंगलसूत्र पर खतरा बताया है तो खतरा होगा। अब महिलाएं या तो अपना मंगलसूत्र बैंक के लाकरों में रख दें या उसे बेचकर कुछ और खरीद लें।
कांग्रेस को पता नहीं है कि मोदी जी की याददाश्त कितनी बेहतर है। उन्हें डॉ मनमोहन सिंह का 18 साल पुराना बयान ही याद नहीं है बल्कि उन्हें तो अपने जन्म के पहले की सारी कहानियां याद हैं। वे कांग्रेस से ज्यादा कांग्रेस के बारे में और महात्मा गाँधी से ज्यादा महात्मा गांधी के बारे में जानते हैं। वे इनसाइक्लोपीडिया हैं सियासत के। उन्हें चुनौती नहीं दी जा सकती।वे गंगापुत्र हैं। वे बाबा विश्वनाथ के शिष्य हैं। वे भारत का भविष्य हैं ,अतीत हैं और वर्तमान भी है। यानि मोदी जैसा ‘न भूतो ,न भविष्यति ‘। वे जो कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता। इसलिए उन्हें बोलने दीजिये ,जमकर बोलने दीजिये। पता नहीं भगवान इस चुनाव के बाद बोलने का मौक़ा दे भी या नहीं। उनकी बोलती बंद करना इस देश के विपक्ष और देश के मतदाताओं के बूते की बात नहीं है। वे ही सबकी बोलती बंद करने का हुनर जानते हैं। जय मोदी ,जय नमोदी।
@ राकेश अचल
achalrakesh1959@gmail.com

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —

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