कांग्रेसी उम्मीदवार चन्नी का उड़ा सियासी-चैन
पहले पूर्व एमपी की पत्नी जा चुकी हैं बीजेपी में
जालंधर 22 अप्रैल। लोकसभा चुनाव में अब सियासी-पारा तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को जालंधर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी ने भी आखिरकार कांग्रेस को अलविदा कह दिया। वह शिरोमणि अकाली दल-बादल में शामिल हो गए हैं। शिअद प्रधान सुखबीर बादल खुद उनके घर पहुंचे।
काबिलेजिक्र है कि इसके पहले देर रात दलित समाज में काफी रसूख रखने वाले नेता केपी को मनाने के लिए पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी उनके घर पहुंचे और बैरंग लौटे थे। अब उनके शिअद में जाने से सबसे बड़ा झटका व्यक्तिगत तौर पर भी चन्नी को लगा है। दरअसल चन्नी जालंधर सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार हैं। यहां बताते चलें कि इसके पहले दलित समाज में रसूख रखने वाले भूतपूर्व सांसद संतोख चौधरी की पत्नी करमजीत कौर कांग्रेस को अलविदा कह बीजेपी में जा चुकी हैं। उनके बेटे बिक्रमजीत चौधरी भले ही अब भी कांग्रेस में हैं, लेकिन चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे हालात में चन्नी दोतरफा सियासी-मार झेल रहे हैं।
वहीं अकाली खेमे में गए केपी ने कहा कि मेरा परिवार कांग्रेस में पिछली तीन पीढ़ियों से काम कर रहा है। मेरे परिवार ने कांग्रेस की बहुत सेवा की है। मेरे पिता कांग्रेस में रहते हुए शहीद हुए थे। कांग्रेस शहीदों के परिवारों के साथ ऐसा कर रही है। इसलिए मैंने पार्टी छोड़ी। केपी ने कहा कि अगर शहीदों के परिवार के साथ कांग्रेस बेइंसाफी करेगी। अगर उन्हें उनका बनता हुआ मान सम्मान न मिले तो मन में दुख होता है। केपी ने यह भी दलील दी कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है, पार्टी के रवैये से लगा कि पार्टी ने हमें निकाला है। परिवार दरनिकार किया गया था। साल 2022 में चुनावों के दौरान पार्टी द्वारा की बदसलूकी मुझे आज भी याद है।