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लुधियाना से ही दो बार सांसद रहे भाजपा उम्मीदवार बिट्‌टू अब भी नहीं उठा रहे जनहित के स्थानीय मुद्दे

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पंजाब के हजारों पुलिस मुलाजिमों को वेतन

न मिलने पर बिट्‌टू ने मान से किया सवाल

 

नदीम अंसारी

लुधियाना 22 अप्रैल। दो बार इस लोकसभा हल्के से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर  रवनीत सिंह बिट्‌टू सांसद बने। अब पार्टी बदलकर भाजपा से उम्मीदवार बने बिट्‌टू फिलहाल तक इस हल्के के बुनियादी मुद्दों की चर्चा नहीं कर रहे हैं। वह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर सियासी हमले जरुर लगातार कर रहे हैं। हालांकि सियासी-जानकारों की नजर में ऐन चुनाव के मौके पर सीधेतौर पर विपक्ष को घेरने के लिए बुनियादी मुद्दे उठाना निहायत जरुरी होता है। बेशक, तीन बार संसद में पंजाब की नुमाइंदगी करने के नाते

बिट्‌टू को संवैधानिक कर्तव्य के तहत प्रांतीय और राष्ट्रीय मुद्दे भी उठाने चाहिएं। फिलहाल लुधियाना लोस हल्के की जनता उनका पिछला रिपोर्ट कार्ड खंगाल रही हैं। वोटर यही आस लगाए हैं कि वह अपने कार्यकाल में कराए विकास कार्यों का ब्योरा पेश करने के साथ जीतने के बाद किए जाने वाले कामों की भावी-योजना जनता की अदालत में रखें।

खैर, इतना जरुर है कि खासतौर पर कांग्रेसी नेताओं पर चुन-चुनकर निशाने साधने के दौरान उन्होंने सूबे की सरकार को घेरा। भाजपा प्रत्याशी बिट्‌टू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को सीधे जवाबदेह बनाते कहा कि पंजाब के लोगों को स्पष्ट करें कि 85000 पुलिस  कर्मचारियों का वेतन क्यों जारी नहीं किया जा रहा। मुख्यमंत्री पंजाब में पैसे की कोई कमी नहीं होने का झूठा दावा करते हैं। हैरानी की बात ये है कि पुलिस मुलाजिमों को मार्च का वेतन भी नहीं दिया गया है, अब अप्रैल खत्म होने को है।

उनके बयानों पर नजर रखने वाले सियासी-जानकर मानते हैं कि पंजाब पुलिस को लेकर सीएम से जवाबदेही जनहित का ऐसा मुद्दा है, जो विभाग विशेष से जुड़ा है। लुधियाना की जनता के बीच इसका प्रभाव बहुत कम दायरे में देखने को मिलेगा। जबकि जनता सीधे अपने हितों से जुड़े मुद्दों पर उनका नजरिया जानने की उम्मीद लगाए बैठी है।

दस साल में क्या सारी समस्याएं निपटा दीं : सियासी-जानकार इस मामले में सांसद बिट्‌टू के दस साल के कार्यकाल को भी मुद्दों के केंद्र में रख रहे हैं। वह लुधियाना से पिछले दस साल में लगातार दो बार सांसद रहे हैं। जानकार उनको सलाह देने वाले अंदाज में जानना चाहते हैं कि क्या सांसद रहते बिट्‌टू ने दस साल सारी समस्याएं निपटा दीं ? अगर नहीं तो लुधियाना में समस्याओं की तो भरमार है। फिर वे सीधेतौर पर उनको क्यों नहीं उठा रहे। उन्होंने शायराना अंदाज में सलाह दी कि तू इधर-उधर की बात ना कर, ये बात काफिला क्यों लुटा…।

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