संदीप शर्मा
उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से सिने तारिका,भरतनाट्यम नृत्यांगना और दो मर्तबा बीजेपी से सांसद रह चुकी हेमा मालिनी तीसरी बार चुनावी हैट्रिक लगाने की मंशा से चुनाव मैदान में है। हेमा मालिनी के चुनाव प्रचार में उनकी दोनों बेटियां ईशा दिओल और आयशा दिओल बढ़ चढ़कर शिरकत कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की ही एक और लोकसभा सीट मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी समर में हैं। डिंपल के प्रचार के लिए उनकी बेटी अदिति यादव चुनाव प्रचार कर रही हैं। अदिति विदेश में पढ़ाई-लिखाई करती हैं लेकिन इन दिनों वो अपनी मां के चुनाव प्रचार लिए खासतौर से समय निकालकर आईं हैं। चुनाव में उम्मीदवारों के बेटे-बेटियां प्रचार में शिरकत करते हों ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इंदिरा गांधी से लेकर बांसुरी स्वराज तक ने अपने पिता और मां के लोकसभा चुनाव प्रचार को बहुत करीब से देखा है बल्कि प्रचार भी किया है। इंडियन सिनेमा के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना ने जब नई दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मोर्चा संभाला तो उनकी दोनों ही बेटियां रिंकल खन्ना और ट्विंकल खन्ना दिल्ली की सड़कों पर अपने पिता के लिए वोट मांगती नज़र आ जाती थी।
इंदिरा गांधी का राजनीतिक कौशल संगठन क्षमता और प्रशासनिक शक्तियों के निर्वहन का लोहा तो उनके विरोधी भी मानते थे। अपने पिता के समान इंदिरा गांधी भी भारतीय राजनीति के इतिहास में एक युग के तौर पर याद की जाती हैं। किसी जमाने में कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल रहे और बाद में इंदिरा की नीतियों के घोर विरोधी रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर भारतीय जनता पार्टी से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक बन कैबिनेट मंत्री का दायित्व निभाया और फिर इलाहाबाद से सांसद का चुनाव भी जीता। बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार मनमोहन सिंह के मंत्री मंडल में समाज कल्याण और सामाजिक न्याय मंत्री रहीं। यूपीए के दूसरे कार्यकाल में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष की संवैधानिक पद पर आसीन रहीं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को स्वतंत्र प्रभार की हैसियत से देखने वाले राज्य मंत्री और फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे अवकाश प्राप्त मेजर जनरल भुवन चंद्र खण्डूड़ी की बेटी ऋतु खण्डूड़ी वर्तमान में उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष हैं। वसुंधरा राजे सिंधिया, बांसुरी स्वराज,पंकजा मुंडे, यशोधरा राजे सिंधिया, सुप्रिया सुले, अगाथा संगमा,मीसा भारती,रोहिणी आचार्य, महबूबा मुफ्ती, शर्मिष्ठा मुखर्जी, ज्योति मिर्धा, किरन चौधरी, के. कविता सहित कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने आत्मजा होने के नाते अपने पिता और माता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया।