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शंभू बार्डर पर किसानों ने जाम किया रेलवे ट्रैक, साथियों को रिहा करने की मांग,पुलिस से भी भिडे

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(पंजाब/यूटर्न 17 अप्रैल): किसानों ने शंभू बॉर्डर पर धरना शुरू कर दिया है। रेलवे ट्रैक को रोक दिया गया है। माना जा रहा है किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली से जंंमू और अमृतसर या फिर बठिंडा जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हो सकती हैं। दूसरे किसान आंदोलन के दौरान कुछ किसान गिरफतार किए गए थे। उनकी रिहाई की मांग को लेकर किसानों ने बुधवार को 12 बजे शंभू बॉर्डर पर रेल रोको अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने का एलान किया है। वहीं आज भी किसानों की रेलवे ट्रैक जाम करते समय पुलिस के साथ मुठीोड हो गई,पुलिस उनको रेल ट्रैक जाम करने से रोकना चाहती थी। किसान नेता कह रहे हैं कि जब तक हमारे साथी नहीं छोड़े जाएंगे, हम शंभू बॉर्डर पर रेल रोककर रखेंगे। अगर फिर भी रिहाई नहीं हुई, तो हम बाकी जगह भी रेल रोकेंगे। शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
किसानों ने जोरदार नारेबाजी की
पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों ने पहले नारेबाजी की। फिर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। 12 बजे के बाद से किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। किसान हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफतार अपने तीन साथियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि एक हफता पहले पंजाब और हरियाणा पुलिस के आलाधिकारियों से बातचीत हुई थी। हमें आश्वासन दिया गया था कि गिरफतार किसानों को छोड़ दिया जाएगा। लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए अब जब तक किसान रिहा नहीं होंगे, तब तक हम रेलवे ट्रैक पर बैठे रहेंगे। बुधवार को सिर्फ शंभू स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम किया गया है। लेकिन अगर मांगें नहीं मानी गई, तो पंजाब में कुछ और जगह पर भी रेलवे ट्रैक जाम कर दिए जाएंगे।
बैरिकेडिंग तोड़ी, पुलिस से धक्कामुक्की; 34 ट्रेन प्रभावित, 11 कैंसिल हुईं
पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने शंभू रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया है। बॉर्डर पर नेशनल हाईवे बंद कर डटे किसान शंभू बॉर्डर के पास ही रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे पुलिस-किसानों की धक्कामुक्की हुई। मगर, किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और ट्रैक पर बैठ गए। किसान सरकार से युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में पहले उनकी हरियाणा और पंजाब सरकार से मीटिंग हुई थी, जिसके बाद रिहाई का भरोसा मिला था। जिसके बाद किसानों ने सरकार को 16 अप्रैल तक का समय दिया था। सरकार ने रिहाई नहीं की तो वे ट्रैक पर उतर आए। किसानों के प्रदर्शन के चलते 34 ट्रेन प्रभावित हुई हैं। 11 ट्रेनों को पूरी तरह से कैंसिल किया गया है, जबकि कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं तो कुछ के रूट शॉर्ट किए गए हैं।
डल्लेवाल ने कहा- रिहाई तक ट्रैक खाली नहीं करेंगे
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने भरोसा देकर भी उन्हें रिहा नहीं किया। हमारा किसान साथी जेल में मरणव्रत पर बैठा है। जब तक सरकार उसे रिहा नहीं करती, हम ट्रैक खाली नहीं करेंगे। अगर सरकार अभी रिहा कर दे तो हम 10 मिनट में हट जाएंगे। आम लोगों की परेशानी को लेकर डल्लेवाल ने कहा कि हमारा साथी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है, इसमें लोग हमें सहयोग करें।
पंधेर बोले- हम नहीं चाहते थे, सरकार ने मजबूर किया
आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हम रेल नहीं रोकना चाहते थे। मगर, हमें इसके लिए मजबूर करना सरकार का फेलियर है। सरकार ने 16 अप्रैल तक रिहाई का भरोसा देकर वादाखिलाफी की है। उन्होंने कहा कि रेल रोको आंदोलन अनिश्चितकाल के लिए रहेगा।
भाजपा प्रधान का चैलेंज कबूल किया
पंधेर ने कहा कि हमने पंजाब के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ का चैलेंज कबूल कर लिया है। हमने 23 अप्रैल का टाइम रखा है। पंधेर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और खेती-बाड़ी मंत्री आएं और उनसे बात करे।
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