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अच्छे ड्रेस सेंस से दिखें स्मार्ट

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उषा जैन ‘शीरीं’- विनायक फीचर्स

 

मोना शर्मा का आज दिल्ली के एक पॉश इलाके में स्थित ऑफिस में नौकरी का पहला दिन था। वह अपनी कलींग्स को देख हैरान थी। मन में कहा ‘वाउ क्या स्मार्ट दिख रही हैं ये सब की सब। बढिय़ा पर्स, लिपिस्टिक स्मार्ट ड्रेस, खुशबू में नहायी। ये सब आधुनिक परियां लग रही हैं। और एक मैं! यार गेटअप चेंज नहीं किया जैसा देश वैसा भेष न किया तो मेरा यहां से पत्ता कट जाना श्योर शॉट है। किसी ट्रान्सफॉर्मेशन गुरु की चेली बनना ही पड़ेगा।‘ रिया अपने ऑफिस के ड्रेस कोड से अनजान जींस टॉप में ही ऑफिस पहुंच गई थी। बॉस ने क्लास ले ली। पहले ही दिन यह स्वागत रिया आंखों में आंसू भरे अपनी डेस्क पर लौटी। अब उसे क्या पता था कि यहां जींस टॉप हफ्ते में केवल एक दिन शनिवार को ही अलाउड है। बाकी दिन फार्मल ट्राउजर सूट, साड़ी या लेटेस्ट फैशन के सलवार सूट ही चलते हैं।

 

स्मार्ट दिखने के लिए अच्छा ड्रेस सेंस होना निहायत जरूरी है। नौकरी में सफलता और प्रभावशाली व्यक्तित्व तभी प्राप्त किया जा सकता है जब आप आधुनिक दिखें। जरूरी नहीं कि कपड़े कीमती हों लेकिन फैशन के अनुकूल हों, ऑफिस कल्चर के हिसाब से हों। आज महिलायें बड़ी-बड़ी कंपनियों में उच्च पद संभाले हैं। उन्हें हाई प्रोफाइल लोगों से, विदेशियों से डील करना पड़ता है। स्मार्ट रहेंगी तब ही अपने आप में कॉनफिडेंस भी रहेगा। चेहरे पर रौनक रहेगी। ड्रेस के सिलेक्शन में जगह और मौके को हमेशा ध्यान में रखकर चलें। मेट्रो सिटीज का कल्चर छोटे शहरों के कल्चर से अलग होता है। मेट्रो में जहां एक्सपोजर को लोग नॉर्मल वे में लेते हैं, वहीं छोटे शहरों में वह अजूबा लगता है। सबकी निगाहें आपको बेहद कान्शियस कर देती है, इसलिए जगह को देखते हुए ही ड्रेस का चुनाव करें। छोटे शहरों में फैशन स्टेटमेंट से लोग परिचित नहीं होते, न वे उसे स्वीकारते हैं। उनकी पसंद ट्रेडीशनल ड्रेसेज ही होती है। आपकी ड्रेस कम्फर्टेबल हो यह जरूर देखें। आपने टाइट जींस पहन ली और आपको नीचे बैठना पड़ा तो आप मुश्किल में पड़ जाएंगी। इसी तरह ढीली-ढाली लहराती हुई ड्रेस पार्टीज में तो चलती है मगर ऑफिस और पिकनिक, टूर आउटिंग के लिए कतई ठीक नहीं।

 

 

ड्रेस के साथ अगर एक्सेसरीज न हों तो उसमें आधा अधूरापन लगेगा। आजकल मार्केट एक्सेसरीज से अटा पड़ा है। शॉपिंग पर कहीं भी जाएं किसी बड़े हाइ-फाय मॉल में या पटरी पर, विदेश हो या देश आपको ढेरों ढेर एक्सेसरीज हर रेंज में हर जगह मिल जाएंगी। मैच मिलाकर पहनना। इसमें आपकी इमेजिनेशन और एस्थेटिक सैंस काम आयेगा। अंधी नकल न करें। अपनी इनडिविजुएलिटी ध्यान में रखते हुए ही तैयार हों। इंडो-वैस्टर्न मेकअप भी अगर सलीके से करेंगी तो बुरा नहीं लगेगा, बल्कि यह आपको एक्सक्लूसिव लुक देगा। आजकल वैसे भी फ्यूजन का जमाना है। इसलिए आगे बढ़ें और कल्पना के पंखों को उड़ान भरने दें। बस फनी न लगें यह ध्यान रहे। स्टाइल के साथ डिसेंसी हो। जैसा कि कहते हैं न हर ड्रेस की एक तहजीब एक कल्चर होता है। उसे अपनाएं।यह सच है कि खूबसूरती सिर्फ गोरे रंग अच्छे नयन नक्श या ढेर सारे मेकअप से ही नहीं मानी जाती। आपको खूबसूरत बनाता है आपका सही गेटअप उससे उपजा आत्मविश्वास, आपका सबसे हटकर दिखना। आपका स्मार्ट ड्रेस सेंस ही लाता है आपके व्यक्तित्व में एक खास कशिश एक खास अंदाज एक ओवरऑल खासियत। (विनायक फीचर्स)

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