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नगर निगम में सफाई सेवकों के वेतन, फंड ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को फुल-प्रूफ बनाने की कवायद

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हेल्थ ब्रांच में हुए करोड़ों के घोटाले के बाद अब
वाउचर पर बैंक अकाउंट नंबर लिखना जरुरी

लुधियाना/12 अप्रैल। घपले-घोटालों को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले नगर निगम में फिलहाल हेल्थ ब्रांच सेलरी घोटाले के आरोपों से घिरी है। काफी फजीहत हो जाने की वजह से विभागीय अधिकारी अब डैमेज-कंट्रोल के लिए वेतन और फंड ट्रांसफर करने की प्रक्रिया दुरुस्त कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक निगम में आला अफसरों की हिदायत के बाद हेल्थ ब्रांच में सफाई कर्मियों की सैलरी या फंड ट्रांसफर करने वाले हर बाउचर पर बैंक अकाउंट नंबर लिखना लाजिमी कर दिया है। यहां गौरतलब है कि ऑडिट की जांच में अहम खुलासा हुआ था। जिसके मुताबिक हेल्थ ब्रांच में लंबे समय से काबिज स्टाफ ने उन लोगों को सफाईकर्मी बता करोड़ों का फंड ट्रांसफर कर दिया, जो रिकॉर्ड में मुलाजिम ही नहीं थे। इस मामले में निगम कमिश्नर ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोपी दो सेनेटरी इंस्पेक्टरों समेत सात मुलाजिम सस्पेंड किए थे। उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराने के लिए कहा। अब इन आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही करोड़ों के फंड की रिकवरी होनी है।
हैरानी की बात यह है कि हेल्थ ब्रांच में यह नया मामला नहीं है। इसके पहले मुलाजिमों द्वारा मृतक या रिटायर सफाई कर्मियों के महंगाई भत्ते का फंड अपने अकाउंट में ट्रांसफर करने का मामला भी सामने आया था। जांच के दौरान अकाउंट ब्रांच के अधिकारियों ने बचाव में तर्क दिया कि उन्होंने तो हेल्थ ब्रांच की तरफ से भेजी लिस्ट में शामिल बैंक अकाउंट नंबर में पेमेंट ट्रांसफर की। इस लूप-होल को बंद करने के लिए अब निगम प्रशासन सफाई कर्मियों की सैलरी या फंड ट्रांसफर करने के लिए फुल-प्रूफ इंतजाम कर रहा है। ऐसे हर एक बाउचर पर बैंक अकाउंट नंबर लिखना जरुरी होगा। जिस अकाउंट नंबर की हेल्थ ब्रांच द्वारा भेजी जाने वाली लिस्ट की चैकिंग भी होगी । इसके साथ ही यह स्क्रूटनी भी होगी कि एक अकाउंट नंबर पर एक से ज्यादा एंट्री नहीं हो सके।

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