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नववर्ष शुभ मंगलमय हो

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संदीप शर्मा

चैत्र नवरात्र के पहले दिन के साथ ही आज से हिन्दू नववर्ष शुरू हो गया है। नये को लेकर हमेशा-हमेशा से उत्साह रहता है लेकिन चैत्र नववर्ष को लेकर उतना उत्साह नहीं देखा जाता जितना की अंगेजी कैलेंडर के नये साल को लेकर देखा जाता है। विश्व की तमाम आर्थिक,सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के केन्द्र में आंग्ल नववर्ष होता है इसीलिए हैप्पी न्यू इयर की गूंज और हैप्पी न्यू इयर के रिजोल्यूशन की बातें अक्सर होती हैं। चैत्र नवरात्र नवप्रतिपदा का शुभारंभ होता है इस बात से आज की युवा पीढ़ी कितनी सुविज्ञ है और कितनी नहीं यह तो अपने आम में शोध का विषय है। अगर युवा पीढ़ी को चैत्र नवरात्र से नए संवत्सर के शुभारंभ की जानकारी नहीं है तो इसके लिए बहुत हद तक बाजार की नीति और रीति भी उत्तरदायी है। हैप्पी न्यू इयर के सेलिब्रेशन के लिए होटल,रेस्तरां और पर्यटन स्थल लोगों की आवा-जाही से लकदक रहते हैं। हॉलीवुड या फिर बॉलीवुड फिल्मों को रिलीज करने के लिए इंडस्ट्रीज से जुड़े लोग नये साल का इंतजार करते हैं।

हिन्दू नववर्ष भारत के कुछ ही प्रांतो में लोकप्रिय हो और ये ही वजह है प्रतिपदा प्रारंभ के इस पावन अवसर पर बाजार,सिनेमा, साहित्य और संगीत जगत में भी महज रस्मों-रिवाज निभाने से ज्यादा कुछ नहीं होता है। यह सब कहने और लिखने के पीछे मेरा मन्तव्य कहीं भी ऐसा कुछ नहीं है कि भारतीयों को अंग्रेजी नववर्ष का विरोध करना चाहिए और नव संवत्सर नववर्ष ही मनाना चाहिए। मेरा कहने का आशय इतना भर है कि हमें अपनी पुरातन परंपराओं को विस्मृत नहीं होने देना चाहिए बल्कि हमें तो अपनी पुरातन परंपराओं को बिलुप्त होने से बचाना चाहिए। किसी भी युग और किसी भी काल में किया गया कोई विशेष कार्य किसी भी व्यक्ति और किसी भी समाज को विशिष्ट बनाते है। आएगा चैत्र नवरात्र के पहले दिन ही अपनी संकल्प लें कि हमें चैत्र प्रतिपदा के नववर्ष को कुछ संकल्प लेने हैं और उन संपर्कों को पूरा करने के लिए ईमानदारी जतन करना है। आप सभी को हिन्दू नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं।

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