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गुस्ताख़ी माफ़ 8.4.2024
जारी होते जा रहे, सभी घोषणा-पत्र।
जाल बिछाने में जुटे, नेता-गण सर्वत्र।
नेता-गण सर्वत्र, बताते ख़ुद को माली।
सब्ज़ बाग़ में नई, खिला देंगे हरियाली।
कह साहिल कविराय, वायदे भारी-भारी।
वोटर कैसे पटे, कंपटीशन है ज़ारी।
प्रस्तुति —- डॉ. राजेन्द्र साहिल