लुधियान 08 April – लुधियाना की पहचान दुनिया भर में स्थापित करने वाले क्रांतिकारी शायर वा नामचीन फिल्मी गीतकार साहिर लुधियानवी की आत्मा शायद हमारे शहरवासियों को जी भर कर कोसती होगी कि हम लोगों ने उनके इस शहर के प्रति दिखाए गए खलूस के साथ इंसाफ नहीं किया! सरकारें आती रहीं और जाती रहीं मगर साहिर की आत्मा पिछले करीब 44 साल के बाद भी अपने महबूब शहर में एक अदद छत के लिए तड़प रही है! और नहीं बस और नहीं, ये गम के प्याले और नही इस साल 25 अक्टूबर को साहिर लुधियानवी का एक बुत शहर में हम अपनी जेब से लगवा कर साहिर समारक के लिए जन आंदोलन छेड़ देंगे! यह बात नवगठित संस्था साहिर लुधियानवी यादगार समिति के चेयरमैन वा भाजपा कल्चरल एंड स्पोर्ट्स सैल के अध्यक्ष अनिल मित्तल ने बसंत विहार रेजिडेंट्स एसोसिएशन के दफ्तर में एसोसिएशन सदस्य रिटायर्ड डी.एस.पी पवित्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित प्रथम काव्य गोष्ठी के दौरान कही!
उन्होंने कहा कि साहिर की मृत्यु के पन्द्रह साल बाद जब 25 अक्टूबर 1995 को पूर्व मुख्य मंत्री स. बेअंत सिंह ने पखोवाल रोड पर करीब पांच हजार गज की जमीन पर इस बाबत एक नीव पत्थर रख साहिर स्मारक बनाने की घोषणा करी तो विश्व भर में फैले साहिर प्रेमियों को बहुत खुशी का अनुभव हुआ लेकिन ये प्रोजेक्ट सरकार द्वारा मनोनीत साहिर ट्रस्ट के सदस्यों की नालायकी के कारण सिरे नहीं चढ़ पाया! उन्होंने कहा कि अब साहिर प्रेमियों के सब्र का बांध टूट चुका है और अगर मौजूदा पंजाब सरकार ने इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया तो हम इस साल 25 अक्टूबर को साहिर की मूर्ति शहर में किसी माकूल जगह पर लगा कर जन आंदोलन छेड़ देंगे! इस मौके पर प्रसिद्ध कवि जोरावर सिंह पंछी द्वारा उन्हें अपनी पंजाबी में लिखी गई पुस्तक ‘कच दा व्यापारी’ भेंट देकर सम्मानित किया गया! इस गोष्ठी में समिति के अध्यक्ष बलबीर सिंह खरबंदा के इलावा राजेश मनचंदा, सुभाष सोंधी, रणजीत सिंह, गुरदीप सिंह सिब्बल, विजय वाजिद, पम्मी हबीब, चरणप्रीत सिंह, मलकीत सिंह मालरा, सतपाल सिंह रोशन, हरदीप सिंह बिरदी, अनिल सोंधी, गुरप्रीत सिंह बबला तथा अन्य कई गणमान्य व्यक्ति, कवि वा शायर मौजूद थे!