चंडीगढ़/7 अप्रैल। हरियाणा के किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को इस केस के तार नेपाल-कंबोडिया से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि एसीबी को वहां के लोगों के डॉक्यूमेंट मिले हैं। वहीं किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का मास्टरमाइंड मोहम्मद मुर्तुजा अंसारी अभी भी फरार है। एसीबी को शक है कि वह हरियाणा में ही कही छिपा है।
अभी तक की जांच से पता चला कि अंसारी इस पूरे खेल में झारखंड के रांची में जुड़ा था। जहां उसने किडनी प्रत्यारोपण के अवैध व्यापार में जाने से पहले दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इंटरप्रेटर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद इस रैकेट का खुलासा हुआ है।
NOC जारी करने के लिए मिलती थी रिश्वत
पकड़े गए लोगों में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल और ईएचसीसी अस्पताल के अंग प्रत्यारोपण समन्वयकों के साथ-साथ जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के एक अधिकारी भी शामिल थे। इन सभी पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने के लिए रिश्वत लेने का संदेह था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, गुरुग्राम पुलिस, सीएम फ्लाइंग स्क्वाड और स्वास्थ्य विभाग के एक संयुक्त अभियान ने सेक्टर 39 में एक गेस्ट हाउस पर छापा मारा। उन्होंने पांच बांग्लादेशी नागरिकों की खोज की, जो किडनी के दाता और प्राप्तकर्ता थे, जिन्हें कथित तौर पर रैकेट के मास्टरमाइंड ने मदद की थी।