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लुधियाना में अब ‘फजीहत’ से परेशान कमल-दल
एकदम सही पकड़े, जी हां, दूसरी पार्टियों से दनादन नेता इंपोर्ट कर कैंडीडेट डिक्लेयर करने वाली पार्टी की ही बात हो रही है। जिसे अपने पंजाब की जनता भी अब उद्धार आइ-मीन ‘उधार’ वाली पार्टी कहने लगी है। इसके साथ अपने लुधियाणे में तो वाकई बड़ा वाला लोचा हो गया। बड़ी भागदौड़ के बाद पंजे वाली पार्टी का सीटिंग-एमपी सैट कर लाए थे। टकसाली नेताओं-पार्टी वर्करों की नाराजगी का रिस्क मोल लेकर भी एकदम ताजे इंपोर्टेड-नेताजी को यहां से झटपट कैंडीडेट भी बना डाला। पार्टी के थिंक-टैंकरों को बड़ी आरजू थी कि इंपोर्टेड नेताजी कोई बड़ा ‘गुल’ जरुर खिलाएंगे। गुल-वुल तो छड्डो जी, नेताजी ने अपने नए-नए कमल वाले पेड़ पर एक-दो कलियां जरुर खिलाईं। इनमें झाड़ूवाली पार्टी से तोड़कर लाई कली तो आते ही ऐसी मुरझाई कि अगले दिन यू-टर्न मारकर वापिस झाड़ू कैंप में जा बैठी।
खबरची कानों-देखी सुना रहे हैं कि अब कमल-दल में जमकर चिल्ल-पौं मची है। जो इंपोर्टेड नेताजी को पार्टी कैंडिडेट बनाने से तिलमिला रहे थे, अब चिल्ला रहे हैं कि और लाओ उधारी-नेता, इंपोर्टेड के चक्कर में साड्डे जीनियस-टैंकर चाइनीज प्रोडेक्ट उठा लाए। चिल्लाने वालों की आवाज दबाने को भगवा-ब्रिगेड की लाठी का खौफ दिखा धमकाया भी जा रहा है। मगर पब्लिक का क्या करेंगे, जो सब जानती है।

—–खबरचारी

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