शिक्षा विभाग की यंग बिजनेस ब्लास्टर स्कीम के
तहत हजारों स्टूडेंट्स को मिलनी थी सीड मनी
लुधियाना/यूटर्न/4 अप्रैल। लोकसभा चुनाव के लिए लागू कोड ऑफ कंडक्ट के चलते तमाम स्टूडेंट्स के अकाउंट में 2 हजार की ग्रांट नहीं पहुंच सकी। जिसके चलते उनको अपना टेलेंट निखारने वाले प्रोजेक्ट को तैयार करने में देरी हो जाएगा।
जानकारी के मुताबिक स्टूडेंट्स को अपने आइडिया और उन्हें सफल बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई यंग बिजनेस ब्लास्टर स्कीम के तहत जारी ग्रांट यानि सीड मनी जारी होनी थी। यंग बिजनेस ब्लास्टर स्कीम शिक्षा विभाग का एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें स्टूडेंट्स को एंटरप्रेन्योर बनने के लिए प्रेरित करने और उनके आइडिया को बिजनेस का रुप देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस मामले में कई अध्यापकों ने रोष जताया कि यंग बिजनेस ब्लास्टर स्कीम के लिए विभाग करीब एक साल से निर्देशों में बदलाव ही किए जा रहा है।
बताते हैं कि पहले हर स्कूल से 11वीं क्लास के 50 फीसदी स्टूडेंट्स, फिर 75 फीसदी और अंत में 100 फीसदी स्टूडेंट्स की भागीदारी का आदेश दिया गया। जिसके तहत 15 हजार से भी ज्यादा स्टूडेंट्स ने अपने आइडिया दिए। ऐसे में प्रोसेस पूरा होते होते ही समय निकलवा दिया गया। लुधियाना की बात करें तो यहां से 1029 टीमों से सात हजार स्टूडेंट्स का चयन कर सीड मनी के लिए नाम भेज दिए गए। विभाग द्वारा जारी ग्रांट में लुधियाना के 2329 स्टूडेंट्स के लिए 46 लाख 58 हजार की ग्रांट भेजी गई। जबकि राज्य भर के 16374 स्टूडेंट्स का चुनाव मैरिट के आधार पर हुआ है। जिनके लिए 3 करोड़ 27 लाख की ग्रांट दी गई।
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट में आइडिया को आगे बढ़ाने के लिए स्टूडेंट्स को गाइड किया जाता है। टीमों द्वारा उनका चुनाव करने के बाद 2000 की सीड मनी के लिए चुनाव किया जाता है। जिसके बाद विभाग द्वारा सीड मनी स्टूडेंट्स के अकाउंट में भेजी जाती है। इसके बाद स्टूडेंट्स अपने प्रोजेक्ट पर काम करते हैं और मार्केट सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने के बाद अपने बिजनेस आइडिया को आगे बढ़ाते हैं। इसी स्कीम के तहत विभाग द्वारा राज्य भर से 2023-24 सेशन के 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए आवेदन मांगे गए थे। देरी से प्रोसेस के पूरा होने के बाद फरवरी में स्टूडेंट्स के लिए सीड मनी जारी होने की बात कही जाती रही। सेशन बीत जाने के बाद अब नए सेशन में विभाग द्वारा सीड मनी रिलीज करने का लिखित आदेश जारी कर दिया। हालांकि, अभी भी इस राशि के जारी होने से किसी भी तरह का फायदा नहीं मिलेगा। विभाग द्वारा कोड ऑफ कंडक्ट का हवाला देते हुए प्रति स्टूडेंट के हिसाब से जारी सीड मनी को स्टूडेंट्स के अकाउंट में जारी न करने का भी नियम जोड़ दिया है।
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