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गुस्ताख़ी माफ़ 31.3.2024
बेचारा बेकार में, मुफ़्त हुआ बदनाम।
कामदेव का भक्त था, बांट रहा था काम।
बांट रहा था काम, तभी नेता-गण धाये।
शुभचिंतक के लिए, लपक कर थाने आये।
कह साहिल कविराय, किस लिए छापा मारा।
करवाता था शांत, काम-ज्वाला बेचारा।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल