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गुस्ताख़ी माफ़ 28.3.2024
जग-जाहिर कैसे करें, अंदर का हर भेद।
काम हमारे हैं कई, काले और सफेद।
काले और सफेद, गले ख़ुद डालें फंदा।
कैसे कह दें मिले, कहां से कितना चंदा।
कह साहिल कविराय, लपकने के हम माहिर।
हेरा-फेरी करें, भला कैसे जग-जाहिर।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल