मैं तेरे प्यार में पागल ऐसे घूमतां हूं जैसे मैं कोई प्यासा बादल बरखा को ढूंढता हूं
प्रेम लता गुप्ता
कुमार हटी 19 मार्च : आधुनिक गीत संगीत कोरोके के क्षेत्र में नाम कमाने वाले विख्यात गैर सरकारी संगठन सप्त स्वरांजली की तरफ़ से संगीतक प्रोग्राम सुर महिमा हिमाचल की हसीन वादियों में स्थित दी डगशई मऐनूर रिसोर्ट में आयोजित किया गया।
प्रोग्राम में शिमला से स्वामी योगानंद प्रभू , हरियाणा से समाजिक कार्यकर्ता अंजलि वधावन, पंजाब से वरिष्ठ समाजसेवी व संगीत प्रेमी भगवान दास गुप्ता एवम् चंडीगढ़ से भाषा विभाग के पूर्व अधिकारी बलकार सिधू विशेष अतिथि थे। संस्था की निर्देशिका कवित्री व गायिका अनुराधा शर्मा व रिसोर्ट के मालिक हेमन्त शर्मा ने गर्मजोशी और हिमाचल की प्राचीन परंपरा अनुसार सभी विशेष अतिथियों,कलाकारों व श्रोताओं का अनूठा स्वागत करते हुए फूल मालाओं, पुष्प गुच्छों व दोशालो से जबरदस्त मान सम्मान किया। मंच संचालन डा.विकरम चौहान ने किया। विकास पाठक और हरमीत सिंह का ध्वनि व रोशनी प्रबंध सराहनीय था।
शाही शहर पटियाला से विशेष तौर पर पहुंचे वरिष्ठ समाजसेवी व संगीत प्रेमी भगवान दास गुप्ता ने बताया कि आधुनिक कोरोके संगीत ने पश्चिम के बाद अब उतरी भारत में भी अपनी एक अलग पहचान बना ली है। गीत संगीत रूह की खूराक और जख्मी व टूटे दिलों के लिए मलहम का काम करता है।
हरियाणा से आई समाजिक कार्यकर्ता अंजलि वधावन ने आयोजकों की सराहना करते हुए अपनी और से हर तरह की सहायता करने की पेशकश की।
स्वामी योगानंद प्रभू व बलकार सिधू ने कोरोके संगीत की अत्यधिक प्रसिद्धि से पारंम्परिक साजों के साजिंदों की घटती लोकप्रियता के बारे में गंभीर चिंता जताई।
प्रोग्राम में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा से लगभग 50 कोरोके कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
राम अरोडा व बिंदू अरोड़ा ने प्रसिद्ध फिल्मी दोगाना “दिल में जरा सी जगह ” पेश किया। पूर्व कर्नल बी.के शर्मा और निर्देशका अनुराधा शर्मा का डइयूट गीत ” वादा करले साजना तेरे बिन मैं ना रहूं हो के युदा” अच्छा प्रभाव छोड़ गया। सीनियर आर्टिस्ट अश्वनी मेहता ने संगीतकार कल्याण जी आनंद जी का संगीत वध बहुत ही मशहूर गीत “ पल पल दिल के पास तुम रहती हो ‘ गाकर अपनी कला का लोहा मनवाया। उभरते गायक अभिजीत जिसने आनंद बख़्शी का लिखा आर.डी. बर्मन के संगीत में किशोर कुमार द्वारा रिकॉर्ड गीत ” मेरे नैना सावन भादो फिर भी मेरा मन पयासा ” सुनाया और स्रोताओं की तरफ़ से बहुत वाहवाही बटोरी जिससे खूब तालियां बजी। डी.एस पुरी का मो.रफी का गाया सुप्रसिद्ध गीत ” ओ मेरी महबूबा ” प्रोग्राम में जान डाल गया। पटियाला के युवा पीढ़ी के समर्थ कोरोके सिंगर सुनील गर्ग का स्वागत दर्शकों ने भरपूर तालियों से किया व उनके द्वारा गाए सुप्रसिद्ध गीत ” दो दिल मिल रहे हैं ” पर युवाओं के अतिरिक्त महिलायों ने भी डांस करके युवा गायक की हौसला आफजाई की। गुरप्रीत प्रीत ने एक पंजाबी गीत ” तेरी मेरी गल बन गई” की प्रस्तुति से हाजरी लगवाई । प्रोग्राम के आखिर में दीपक भटनागर ने गीत ” मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दे तो फिर मेरी चाल देख ले” पेश किया।
इस मौके पर प्रोफेसर सुरविंदर छावड़ा,डा.ओ.पी.तनेजा,
डा.संजीत सोढ़ी, डा.लवलीन सोढ़ी,प्रेम सेठी, एस.पी.दुगल, इंद्रजीत सिंह, कमलजीत सेठी, मधुसूदन,किरण सूरी,सतीश कुमार, प्रेम लता गुप्ता, विकी मदान, मधु सूदन, डा.इंदरजीत सिंह, अनिल सूद भी हाज़िर रहे।
फोटो कैप्शन : गीत पेश करते हुए सुनील गर्ग, स्वामी योगानंद,भगवान दास गुप्ता और अनुराधा शर्मा कलाकारों को सम्मानित करते हुए