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खेलो इंडिया उभरती प्रतिभाओं की पहचान कार्यक्रम,खेलों को आकांक्षी चैंपियनों के घरों तक ले जाएगा: अनुराग सिंह ठाकुर

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रघुनंदन पराशर जैतो

चंडीगढ़,12 मार्च :केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 7 स्थित खेल परिसर में उत्साहपूर्ण वातावरण के बीच अद्वितीय खेलो इंडिया उभरती प्रतिभाओं की पहचान (कीर्ति) कार्यक्रम का उद्घाटन किया। 9 से 18 वर्ष की आयु-वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए शुरू की गयी इस राष्ट्रव्यापी योजना के दो मुख्य उद्देश्य हैं: देश के हर कोने से प्रतिभा की खोज करना तथा मादक पदार्थों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की लत को रोकने के लिए खेल को एक प्रभावी उपाय के रूप में प्रयोग करना।खिली हुई धूप के बीच, श्री ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि ‘कीर्ति’, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना था कि खेल संस्कृति का निर्माण और प्रतिभाओं का एक समूह तैयार किया जाना चाहिए, जो ओलंपिक और एशियाई खेल जैसी वैश्विक प्रतियोगिताओं में भारत को पदक दिला सकें। ‘कीर्ति’ ने भारत के 50 केंद्रों में ठोस शुरुआत की है। पहले चरण में, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, कुश्ती, हॉकी, फुटबॉल समेत 10 खेलों के लिए पचास हजार आवेदकों का मूल्यांकन किया जा रहा है। कीर्ति का लक्ष्य अधिसूचित प्रतिभा मूल्यांकन केंद्रों के माध्यम से प्रतिभा की पहचान करने के लिए पूरे वर्ष के दौरान देश भर में 20 लाख आवेदकों का मूल्यांकन करना है।
श्री ठाकुर ने कहा, “इस पैमाने का पर्यवेक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत में पहली बार शुरू किया गया है और यह ऐसे समय में आया है, जब देश “2036 तक दुनिया के शीर्ष 10 खेल राष्ट्रों में और 2047 तक शीर्ष पांच राष्ट्रों में शामिल होना चाहता है।“ श्री ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि युवा इस राष्ट्र के मूलभूत अंग हैं और खेलों में सकारात्मक परिणाम पाने के लिए एक व्यक्ति को बहुत ही जल्दी शुरुआत करनी होगी। यह बताते हुए कि एक एथलीट को एक ओलंपिक पदक जीतने के लिए कम से कम 10 वर्षों की तैयारी की आवश्यकता होती है, केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “कीर्ति देश के हर प्रखंड तक पहुंचना चाहती है और उन बच्चों से जुड़ना चाहती है जो खिलाड़ी बनना तो चाहते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि शुरुआत कैसे हो। हम यह जानते हैं कि खिलाड़ी बनने वाला हर बच्चा पदक नहीं जीतेगा, लेकिन हम कम से कम युवाओं को मादक पदार्थों तथा अन्य व्यसनों से दूर रखने के लिए खेलों का उपयोग करना चाहते हैं। मैं प्रत्येक बच्चे से मायभारत पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने का आग्रह करता हूं और उनके पास पहुंचने एवं कीर्ति के माध्यम से उन्हें अवसर प्रदान करने की जिम्मेदारी हमारी होगी।”कीर्ति का यह एथलीट-केंद्रित कार्यक्रम सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित अपनी पारदर्शी चयन पद्धति के कारण विशिष्ट है। एक उभरते एथलीट में खेल कौशल का अनुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जा रहा है। श्री ठाकुर ने कहा कि इस पैमाने की प्रतिभा खोज प्रणाली को राष्ट्रीय खेल महासंघों और राज्य सरकारों के रणनीतिक सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही बुनियादी ढांचे पर 3000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और देश भर में 1000 से अधिक खेलो इंडिया केंद्र उपलब्ध हैं।इस अवसर पर अन्य गणमान्य लोगों के अलावा, चंडीगढ़ की सांसद श्रीमती किरण खेर, चंडीगढ़ प्रशासन के सलाहकार श्री राजीव वर्मा और हांगझोऊ एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता एवं उभरते भाला फेंक खिलाड़ी तथा पेरिस ओलंपिक में पदक के दावेदार किशोर कुमार जेना उपस्थित थे।श्रीमती खेर ने कीर्ति कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि चंडीगढ़ ने कपिल देव, युवराज सिंह और अभिनव बिंद्रा जैसे प्रसिद्ध खिलाड़ी दिए हैं और यह योजना खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन बनकर सामने आई है।श्रीमती खेर ने कहा, “हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा जीवन में कुछ हासिल करे। लेकिन कई बार सपने और हकीकत के बीच मेल नहीं हो पाता। लेकिन कम से कम खेलों में, ‘कीर्ति’ उस अंतर को पाटने में मदद करेगी। अब खिलाड़ी बनने और खेल में उत्कृष्टता हासिल करने की इच्छा रखने वाले हर बच्चे के लिए एक रास्ता उपलब्ध होगा।”चंडीगढ़ के सेक्टर 7 खेल परिसर में चयन प्रक्रिया के लिए कई युवा लड़के और लड़कियां पहुंचे। 14 वर्षीय धावक अमन शर्मा और 17 वर्षीय वॉकर जसकरण सिंह के लिए, ‘कीर्ति’ ने अवसर का एक बड़ा द्वार खोला है। पेरिस जाने वाले जेना के साथ फोटो-ऑप के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए जसकरन ने कहा, “अब हम जानते हैं कि कहां जाना है और प्रशिक्षण लेना है। ‘कीर्ति’ वास्तव में हमें प्रेरित कर रही है।”श्री ठाकुर ने जेना का स्वागत किया, जिन्होंने पिछले वर्ष एशियाई खेलों में और बुडापेस्ट में आयोजित होने वाली विश्व एथलेटिक्स प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा को चुनौती दी थी। जेना ने कहा, “मैंने पहले यह कहा था कि खिलाड़ियों को जमीनी स्तर पर पर्याप्त समर्थन नहीं मिलता है। जब वे पदक जीतना शुरू करते हैं, तो उन्हें वित्तीय और नैतिक समर्थन मिलता है, जो नहीं होना चाहिए। ‘कीर्ति’ एक बेहतरीन योजना है और इसमें सही आयु के बच्चों को शामिल किया जा रहा है। वे ऊर्जा से भरपूर हैं और यह समय उनकी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें निखारने का है।”
श्री ठाकुर ने एक बार फिर 2030 में युवा ओलंपिक और 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी करने के भारत के मंतव्य को दोहराया।केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री ठाकुर ने कहा, “अगर हमें एक वैश्विक महाशक्ति बनना है, तो हमें खेल के सॉफ्ट-पावर को दर्शाना और उससे लाभ उठाना होगा। संगीत, फ़िल्में और खेल आगे बढ़ने के माध्यम हैं, और हम इन सभी में अच्छे हैं। ‘कीर्ति’ केवल उसे मजबूत करने में मदद करेगी। सरकार की ओर से, हमें केवल कामकाज को सुगम बनाना है और यही प्राथमिकता है।”खेलो इंडिया मिशन के बारे में :खेलो इंडिया योजना युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय योजना है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना खेलो इंडिया मिशन का उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और खेल उत्कृष्टता प्राप्त करना है, जिससे जनता को खेल-शक्ति का उपयोग करने की सुविधा मिल सके। खेलो इंडिया योजना के “खेल प्रतियोगिताओं और प्रतिभा विकास” के तहत देश में खेल इको-सिस्टम को विकसित करने के लिए जमीनी स्तर और विशिष्ट स्तर पर एथलीटों की पहचान और विकास की दिशा में काम करने के लिए समर्पित है।

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