पंजाब में पराली जलाने के 933 मामले, पांच शहरों की हवा हुई जहरीली

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पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सरकारी सख्ती और जागरूकता अभियानों के बावजूद मंगलवार तक राज्य में कुल 933 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। खेतों में उठता धुआं अब पूरे पंजाब के वातावरण को प्रभावित कर रहा है। बीते दिन राज्य में 43 नए मामले सामने आए, जिनमें मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने जिले संगरूर से सबसे अधिक 12 मामले दर्ज किए गए। अब अकेले संगरूर में पराली जलाने के कुल मामले 91 तक पहुंच गए हैं।

पांच शहरों की हवा ‘खराब’ श्रेणी में

पराली जलाने के चलते पंजाब के कई शहरों की वायु गुणवत्ता चिंताजनक हो चुकी है। अमृतसर का एक्यूआई 211 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है। वहीं, मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई 164, लुधियाना का 149, जालंधर का 125, पटियाला का 122 और खन्ना का भी 122 दर्ज किया गया। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ऐसे स्तर पर हवा में मौजूद कण दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं।

तरनतारन सबसे आगे, बढ़ रही प्रशासनिक सख्ती

तरनतारन जिला 253 मामलों के साथ पराली जलाने में सबसे आगे है, जबकि अमृतसर में 171, फिरोजपुर में 91 और पटियाला में 48 मामले दर्ज किए गए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब तक 386 मामलों में 19.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 13.80 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। 302 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई है और 337 रेड एंट्रियां की गई हैं।

निगरानी और कानूनी कार्रवाई तेज

प्रशासन ने चेतावनी दी है कि पराली जलाने वालों पर पर्यावरण कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। खेतों की उपग्रह निगरानी की जा रही है और कृषि विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं।

गुरदासपुर में चार किसानों पर केस दर्ज

गुरदासपुर पुलिस ने पराली जलाने के आरोप में चार किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। ये सभी आरोपी डीसी के आदेशों की अवहेलना कर खेतों में आग लगाने के दोषी पाए गए। अधिकारियों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में पंजाब की हवा ‘खतरनाक’ श्रेणी में पहुंच सकती है।

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