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चिराग तले अंधेरा : नगर निगम अपने ही जोन-डी ऑफिस से चंद कदम दूर पार्क को नहीं रख सका सुरक्षित
राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना/यूटर्न/3 नवंबर। एक तरफ तो सरकार व नगर निगम द्वारा कार्पोरेट घरानों से सीएसआर फंड के तहत पैसा लेकर डेवलपमेंट करवाई जा रही है। लेकिन उनसे फंड लेकर डेवलपमेंट कराने के बाद उक्त चीजों की सुरक्षा राम भरोसे ही हैं। बता दें कि नगर निगम के अधिकारी अपने ही जोन-डी ऑफिस से कुछ कदमों की दूरी पर स्थित मेटलमैन पार्क की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। वहां पर सरेआम चोरों द्वारा लोहे की ग्रिल तोड़कर बेची जा रही है। जबकि इस पार्क की मेनटेंन्स सीएसआर फंड के तहत मेटलमैन ऑटो लिमिटेड द्वारा की जा रही है। शायद मेटलमैन पार्क तो चलो एक कंपनी द्वारा मेनटेंन करने की सोचकर निगम अधिकारी उस पर ध्यान नहीं दे रहे। लेकिन दूसरी तरफ निगम जोन-डी ऑफिस के एकदम साथ लैय्यर वैली पार्क में सरकार द्वारा अपनी तरफ से पैसा खर्च कर मेनटेंन्स की गई है। लेकिन निगम द्वारा दूसरों के पैसों से लगी चीजों की सुरक्षा करना तो दूर सरकारी पैसे से बनी चीजों की भी संभाल न हीं की जा पा रही। निगम ऑफिस के पास ही ऐसी वारदातें होना, कहीं न कहीं प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े करती है। इस संबंधी बीएंडआर के एक्सियन को कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं। वहीं लोगों द्वारा पुलिस विभाग पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लोगों का कहना है कि इस संबंधी कई बार थाना डिवीजन नंबर पांच पुलिस को शिकायतें की, लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। वहीं इस वारदातों के बढ़ने के कारण वार्ड पार्षद अमृत वर्षा रामपाल भी बेबस है।
कई महीनों से हो रही वारदातें
इलाका निवासियों का कहना है कि यह वारदातें आज से नहीं बल्कि पिछले कई महीनों से हो रही है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि फिर भी निगम के किसी भी मुलाजिम ने इस तरफ ध्यान तक नहीं दिया। लोगों के अनुसार लैय्यर वैली पार्क में तो सारी ग्रीलें चोरी हो चुकी है। जबकि मेटलमैन पार्क में अभी कुछ हद तक चोरी हुई है। जिससे जाहिर है कि यह वारदातें लंबे समय से हो रही हैं। चर्चा है कि निगम मुलाजिम अक्सर ही बातें करने दोनों पार्कों में जाते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने इस मामले में एक्शन लेना जरुरी नहीं समझा।
25 दिन से कॉल करके की जा रही शिकायतें
इलाका निवासियों का आरोप है कि उनकी तरफ से पिछले 25 दिन से कॉल करके थाना डिवीजन नंबर पांच की पुलिस को शिकायतें की जा रही है। उन्हें मामले संबंधी अवगत कराया गया। लेकिन एक बार भी मामले में एसएचओ द्वारा एक्शन नहीं लिया गया। जिस कारण परेशान होकर उन्होंने शिकायतें करनी ही बंद कर दी। लोगों का कहना है कि आज चोर पार्कों में वारदातें कर रहे हैं, कल को घरों में करने लगेगें।
पीसीआर मुलाजिम भी पड़े बेबस
वहीं चर्चा है कि इस संबंध में एक इलाका निवासी द्वारा दो दिन पहले युवकों को देर रात ग्रिल चोरी करते हुए देख थाना डिवीजन नंबर पांच के एसएचओ को कॉल कर बताया गया। मौके पर पीसीआर मुलाजिम पहुंचे, तो चोर तोड़ी हुई ग्रिल छोड़कर भाग गए। इलाका निवासी का कहना है कि पीसीआर मुलाजिम बोले कि हमारे पास जवाहर नगर कैंप से लेकर सराभा नगर तक का एरिया है। जवाहर नगर कैंप में रोजाना कई शिकायतें आती है, एक टीम होने के कारण वहां से ही फ्री नहीं हो पाते, जिसके चलते पार्क की तरफ चक्कर नहीं लग पाता। लोगों के अनुसार पुलिस ने आश्वासन दिया था कि अब वारदातें नहीं होंगी, लेकिन फिर भी चोर मुस्तैद हैं।
रविवार रात भी रंगे हाथ गार्ड ने पकड़े चोर
वहीं मेटलमैन ऑटो लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत जैरथ का घर मैटलमेन पार्क के एकदम सामने है। उनके सिक्योरिटी गार्ड द्वारा रविवार रात करीब 9 बजे पार्क से ग्रिल चोरी करते हुए युवकों को देखा। जब वे उन्हें पकड़ने गए तो चोर ग्रिल छोड़कर भाग निकले। उन्होंने ग्रिल कब्जे में लेकर निगम अफसरों को शिकायत की। लेकिन एक्शन नहीं हुआ।
मेनटेंन्स का काम कंपनी का, सुरक्षा निगम की जिम्मेदारी
बता दें कि सीएसआर फंड के तहत कंपनी द्वारा पार्क की मेनटेंन्स तो की जा रही है। लेकिन उनकी जिम्मेदारी पार्क के मेनटेंन करने और डेवलप करने की होती है। जबकि सुरक्षा करना निगम की जिम्मेदारी है।
निगम एक्सियन को सूचना देने पर भी नहीं दिया जवाब
मेटलमैन ऑटो लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत जैरथ ने कहा कि रविवार रात उनके गार्ड ने

खुद वारदात होने से रोकी गई। इस संबंधी निगम के हॉटीकल्चर विभाग के एक्सियन को मैसेज भेज शिकायत की। लेकिन
उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हमारा काम मेनटेंन्स का है, सुरक्षा की जिम्मेदारी निगम की है। इस संबंधी मंत्री संजीव अरोड़ा को भी शिकायत की है।
लिखित में नहीं आई शिकायत
थाना डिवीजन नंबर पांच के एसएचओ इंस्पेक्टर जसबीर सिंह का कहना है कि इस संबंधी लिखित शिकायत नहीं आई है। इलाका निवासियों ने कॉल करके जानकारी दी थी। सुरक्षा के लिए पीसीआर और ड्यूटी ऑफिसर की ड्यूटी लगा दी गई है।
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