राज्यसभा में एमपी अरोड़ा के सवाल सरकार के आंकड़ों में अहम खुलासा
लुधियाना 10 फरवरी। लुधियाना से सांसद संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा में बजट सत्र में ‘साइबर हमलों के रुझानों पर सवाल किया। जिसमें जवाब में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने अहम खुलासे किए।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में साइबर सुरक्षा घटनाओं की कुल संख्या का डेटा मौजूद है। जो बताता है कि 2020 से 2024 तक साइबर सुरक्षा घटनाओं की संख्या में लगभग 76.25% की वृद्धि हुई है। अरोड़ा के अनुसार, मंत्री ने बताया कि सीईआरटी-इन द्वारा रिपोर्ट और ट्रैक की गई जानकारी के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में साइबर सुरक्षा घटनाओं की वर्ष-वार संख्या मौजूद है। सरकार की नीतियों का उद्देश्य अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ( सीईआरटी-इन) को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 की धारा 70बी के प्रावधानों के तहत साइबर सुरक्षा घटनाओं का जवाब देने के लिए राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
विभिन्न क्षेत्रों में संगठनों के साथ अलर्ट साझा करने के लिए अहम उपाय किए गए हैं। सीईआरटी-इन द्वारा उद्योग विशेषज्ञों के साथ एआई -संचालित साइबर सुरक्षा खतरे और आईओटी सुरक्षा प्रशिक्षण। सीईआरटी-इन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अनुरूप अलर्ट साझा करने के लिए स्वचालित प्लेटफ़ॉर्म। एजेंसियों के बीच समन्वय की सुविधा के लिए खतरों के लिए साइबर स्पेस को स्कैन करता है। सूचना सुरक्षा सर्वोत्तम प्रथाओं का समर्थन करने के लिए सीईआरटी-इन द्वारा 191 संगठनों को सूचीबद्ध किया गया है। दुर्भावनापूर्ण प्रोग्रामों का पता लगाता है और उन्हें हटाता है, उपकरण और सर्वोत्तम अभ्यास प्रदान करता है।
इसके अलावा साइबर खतरों, कमजोरियों और जवाबी उपायों पर चल रहे अलर्ट। सभी सरकारी और महत्वपूर्ण क्षेत्र के संगठनों के लिए साइबर हमलों का मुकाबला करने और लचीलापन बढ़ाने के लिए। साइबर सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए 1,435 संगठनों को शामिल करते हुए 108 अभ्यास आयोजित किए गए। अप्रैल 2022 में जारी किए गए, जिसमें सूचना सुरक्षा प्रथाओं और घटना रिपोर्टिंग को शामिल किया गया।
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