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RSS पर हटा 58 वर्ष पुराना प्रतिबंध, अब आराम से जाइये शाखा में 

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बसपा सुप्रीमो मायावती को लगा बुरा तो कांग्रेस ने बताया असंवैधानिक, सपा ने साधी चुप्पी

 

शबी हैदर

लखनऊ 22 जुलाई :

देर से ही सही लेकिन आरएसएस पर लगा 58 साल पुराना प्रतिबंध को केन्द्र सरकार ने हटा दिया हैं प्रतिबंध सरकारी कर्मचारियों के लिए था। प्रतिबंध में कहा गया था कि कोई भी सरकार कर्मचारी आरएसएस के कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकता। इस कारण सरकारी कर्मचारी आरएसएस की शाखा और दूसरे कार्यक्रमों से दूर रहते थे। प्रतिबंध की खबर पर राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी और इसे गलत बताया। वहीं कांग्रेस ने इसे असवैधानिक बताया है तो समाजवादी पार्टी ने ​इस विषय पर अभी तक चुप्पी साध रखी है। बीजेपी ने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है और कहा है कि आरएसएस के साथ लंबे समय से अन्याय हो रहा था।

 

तुरंत वापस हो यह निर्णय

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे बताया है।बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय है ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।

उन्होंने आगे लिखा कि सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियां काफी राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित है, तुरन्त वापस हो।

 

क्या कहा गया है आदेश में

ज्ञात हो कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकेंगे। केंद्र सरकार ने 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है। आदेश में कहा गया है, निर्देशों की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए। इस बारे में भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच पर लिखकर पूरी जानकारी दी है।

 

10 वर्षों में क्यों नहीं हटा प्रतिबंध ?

कांग्रेस के सभी छोटे बड़े नेताओं ने इस आदेश पर प्रतिक्रया दी है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आरएसएस का काम और सरकारी काम अलग-अलग हैं, दोनों एक साथ नहीं होने चाहिए और नरेंद्र मोदी सरकार ने 10 साल तक इस नियम को क्यों नहीं बदला

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सपा ने साधी चुप्पी

आदेश आने के 12 घंटे तक तो सपा की आरे से इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं कि गयी। यूटर्न ने जब सपा नेताओं से इस संबध में जानकारी हासिल करनी चाही तो सभी ने यहीं कहा कि पार्टी आलाकमान की तरफ से जल्द ही प्रतिक्रिया दी जाएगी।

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