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हरियाणा में आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन क्यों नहीं, सामने आई 5 बड़ी वजह

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हरियाना/यूटर्न/7 सितंबर: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए राहुल गांधी ने आप के साथ गठबंधन करने की पहल की थी लेकिन लगता है कि अब उनकी कोशिशें खत्म होती नजर आ रही हैं। कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी होने और हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की बेरुखी के कारण अब यह गठबंधन खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। अब खबर है कि दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ सकती हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस को रुख देखते हुए आप पार्टी हरियाणा में 50 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि अभी किसी की ओर से इसको लेकर कोई बयान या आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी राज्य में आप के साथ गठबंधन किए बिना भी चुनाव लड़ सकती है। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहे हैं कि ऐसी क्या वजहें रही की कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की डील फाइनल नहीं हो पाई।
आप पार्टी ने हरियाणा की 90 में 10 सीटों पर चुनाव लडऩे की इच्छा व्यक्त की, लेकिन कांग्रेस आप को सिर्फ 4-5 सीटें देना चाहती थी।
आप पार्टी पंजाब और दिल्ली से सटी विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती थी इसके लिए वह तर्क दे रही थी कि दोनों ही राज्यों में उसकी सरकार है।
हरियाणा के स्थानीय नेता जैसे भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला आप के साथ गठबंधन कर चुनाव लडऩे के पक्ष में नहीं थे।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान हरियाणा में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को सिंगल डिजिट सीट देने के पक्ष में था। इस फॉर्मूले के तहत सीपीआई, सीपीएम, सपा और एनसीपी को वह एक-एक सीट देने के लिए राजी थी।
हरियाणा कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को लगता है कि राज्य में बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। ऐसे में किसी भी पार्टी से गठबंधन किए बिना ही चुनाव जीता जा सकता है।
गठबंधन पर अंतिम फैसला लेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अब अंतिम फैसला राहुल गांधी पर आकर टिक गया है। हालांकि आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा हमें उंमीद है कि हरियाणा और देश के हित में गठबंधन बनेगा। इधर इंडिया गठबंधन की सहयोगी और लोकसभा में विपक्ष की दूसरी बड़ी पार्टी सपा ने हरियाणा में चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को इसको लेकर ऐलान किया।
कांग्रेस ने बनाई थी 4 सदस्यीय कमेटी
इससे पहले राहुल गांधी ने 3 सितंबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में आप के साथ गठबंधन करने की पहल की थी। इसके लिए उन्होंने 4 सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई थी। इस कमेटी में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा शामिल थे।
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