जून में रिहा बंधकों का पता चला, ज्यादातरन पंजाबी, आरोपियों में भी दो पंजाब से हैं, 5.45 लाख यूरो जब्त
चंडीगढ़ 14 जुलाई। पैसा कमाने की चाहत में विदेश जाने वाले भारतीयों, खासकर पंजाबियों से जुड़ी अहम खबर सामने आई है। इटली के उत्तरी वेरोना प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने 33 भारतीयों को बंधुआ मजदूरी के जाल से रिहा कराया है।
जानकारी के मुताबिक कराए 33 भारतीयों में से ज्यादातर पंजाब से ताल्लुक रखने वाले हैं। जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे भी पंजाब के ही रहने वाले हैं। इटली के प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों आरोपियों से 5.45 लाख यूरो भी जब्त किए हैं। बताते हैं कि इस घटना की जांच जून महीने में शुरू हुई थी। दरअसल इटली में बंधुआ मजदूरी कराए जाने का मामला जून में हुए एक हादसे के बाद चर्चा में आया था।
बताया जाता है कि बीते दिनों इटली में फल तोड़ने वाले पंजाबी सतनाम सिंह की मशीन से हाथ कट जाने से मौत हो गई थी। रोम के पास लाजियो में स्ट्रॉबेरी रैपिंग मशीन की चपेट में आने से सतनाम का हाथ कट गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि कथित गैंग-मास्टर्स जो भारत से ही थे, सीजनल वर्क परमिट पर साथी नागरिकों को इटली लाते थे। हर बंधुआ मजदूर को प्रति महीने 17,000 यूरो का भुगतान करने और उन्हें बेहतर भविष्य का वादा करके लाया जाता था। हालांकि यहां पहुंचते ही परिस्थितयां बदल जाती थीं।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को खेत में काम दिया जाता था। सप्ताह में सातों दिन और प्रति दिन 10-12 घंटे काम कराया जाता था। उन्हें प्रति घंटे 4 यूरो का भुगतान होता था। उनसे तब तक बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी, जब तक वे अपने कर्जे का भुगतान नहीं कर देते थे। पुलिस बयान के मुताबिक कुछ लोगों को स्थायी वर्क परमिट का वादा किया जाता था। इसके लिए उनसे अतिरिक्त 13 हजार यूरो वसूले जाते थे। वे पूरी रकम का भुगतान होने तक मुफ्त में काम किया करते थे।
इटली की पुलिस का कहना है कि इस आरोप के लिए आरोपियों के खिलाफ श्रम शोषण से जुड़ा मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि पीड़ितों को काम के अवसर और लीगल रेजिडेंस पेपर्स की पेशकश की जाएगी। अब देखना यह होगा कि इटली सरकार वहां पर भारतीय का आर्थिक-शोषण रोकने के लिए आगे क्या कदम उठाएगी।
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