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श्री सिद्ध पीठ श्री दंडी स्वामी मंदिर में आज से 30 दिवसीय महामंत्र जाप संकीर्तन की शुरुवात 

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लुधियाना 04 Aug :  श्री सिद्धपीठ दण्डी स्वामी मन्दिर में चल रही श्री राम कथा संपन।कथा करने के लिए वृन्दावन से पर परम श्री गौर दास जी महाराज ने बताया कि रावण एक प्रवृत्ति है जो प्रवृति हमारे में भी है अथात देह का मोह और संसार की सुविधाए हमें श्री मिले हमे देह के मोह का त्याग करना होगा, हनुमान जी ने अशोक वाटिका उजाड़ कर रावण को मोह की वाटिका को उजाड़ दिया। सत्संग में हमारा एक मोह टूट जाता है, किंतु बाहर आकर नया नया मोह बड़ा हो जाता है ऐसे ही प्रभु रावण सिर काटते तो दूसरा सिर बड़ा हो गया, दुर्जन का अनिष्ट उसके अपने पाप के कर्मों से नष्ट हो जाता है, ऐसे ही रावण की सोने की लंका, उसका ही घी, तेल, उसके ही कपड़ो से जल गयी।कथा में आगे महाराज श्री ने बताया कि जब हनुमान जी ने समुद्र लांघा तो तुलसीदास जी ने कई चौपाइया लिखी किन्तु आधी चौपाई में ही हनुमान जी समुद्र लांच कर वापिस आगये। ऐसे दो हम जब भक्ति करना शुरू करते है, वो सारी बाधाए हमें भी आएंगी अपने लोग अवरोध करेगें सुरा की तरह सम्पन्नता मै नाक पार्वती की तरह आएगी, सिहंका की तरह इष्टा भी रास्ता रोकेगी। लेकिन हम हनुम्मन जी की तरह यदि बार-२ रघुवीर सम्हारी अर्थात मन पक्का करके भजन व भक्ति में लग जाएंगे तो सीता माता हमें भक्ति के रूप में हमें मिल जायेगी।तब हम कृपा के मार्ग से हम तेजी से बढ़ पाएंगे.जैसे हनुमानजी सीता की कृपा से आधी चौपाई में समुद्र लांध कर वापिस आ गए थे।श्री राज कुमार शर्मा जी ने श्री महाराज जी को सम्मानित किया।इसके साथ साप्ताहिक संकीर्तन का आयोजन किया गया।श्री शर्मा जी ने बताया कि आज सोमवार 5 अगस्त से 3 सितंबर तक 30 दिवसीय महामंत्र जाप संकीर्तन की शुरुवात।जो कि रोजाना शाम 7 बजे से 8.30 बजे तक होगा।

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