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सिविल अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर, 250 मरीजों को नहीं मिली ओपीडी सेवाएं, दो दिन फिर रहेगी छुट्‌टी

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लोगों का रोष – पंजाब सरकार के सेहत सुविधाओं के दावे फेल

लुधियाना 16 अगस्त। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस (पीसीएमएसए) एसोसिएशन द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में लुधियाना सिविल अस्पताल के डॉक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। जिस कारण ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। इस दौरान 250 से अधिक मरीज बिना उपचार करवाए वापस लौटे। मरीजों में प्रशासन के खिलाफ रोष है। हालाकि अब शनिवार व रविवार फिर दो दिन छुट्‌टी है। जिसके चलते अब लोगों को सेहत सुविधाएं सोमवार से ही मिल सकेगी। हालाकि लोगों में रोष है कि एक तरफ पंजाब सरकार द्वारा लोगों सेहत सुविधाएं देने के दावे किए जाते हैं। दूसरी तरफ लोगों को अस्पताल खुलने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही। जिससे लोगों को निराश होकर वापिस लौटना पड़ रहा है।

ढ़ाई घंटे परेशान होती रही बुजुर्ग महिला
बुजुर्ग महिला राम प्यारी ने बताया कि वह हैबोवाल से किराया लगाकर अस्पताल पहुंची थी। वह आंखों का इलाज करवाने के लिए अस्पताल आई थी। करीब ढाई घंटे से वह परेशान है। उन्हें किसी ने जानकारी तक नहीं दी कि आज ओपीडी बंद रहेगी। शूगर पीड़ित बुजुर्ग महिला राज किशोरी ने वह शूगर बढ़ने के कारण आंखों में दिक्कत आ रही है। इसी कारण आज अस्पताल आई थी, लेकिन ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।सरकार को डाक्टरों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।

लोगों का कहना हमारा क्या कसूर
वहीं इस मामले में लोगों का रोष है कि महिला डॉक्टर की हत्या होना गलत है, ऐसे लोगों की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन उन आरोपियों की सजा आम जनता को क्यों दी जा रही है। साथी डॉक्टर के हक में खड़ना सही है, लेकिन आम जनता के लिए ओपीडी में 1-2 डॉक्टर तैनात रहने चाहिए जो लोगों की समस्या सुन सके। यह फैसला गलत है। वहीं एसोसिएशन के पंजाब प्रधान डॉ. अखिल सरीन ने जानकारी देते हुए बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना बेहद निंदनीय है। पीसीएमएसए पंजाब ने रेजिडेंट डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आज सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रखने का फैसला किया है।

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