हरियाणा : जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा मामले में नौ साल बाद 14 लोग बरी

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आरोपियों ने साल 2016 से कोर्ट में 57 पेशियां भुगतीं, सरकारी नौकरी-सेना भर्ती ना हो सकी, पढ़ाई छूटी

जींद 14 फरवरी। करीब नौ साल पहले हरियाणा में जाट आरक्षण के आंदोलन के दौरान हिंसा में आरोपी बनाए एक ही गांव के 14 लोग बरी हो गए। जींद में एडीश्नल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पूजा सिंगला की कोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया।

जानकारी के मुताबिक इन लोगों ने साल 2016 से लेकर 2025 के बीच 9 साल में 56 बार पेशी भुगती। अब 57वीं बार में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। मगर, केस में आरोपी बनाने से कुछ युवाओं की पढ़ाई से लेकर करियर की उम्मीदें तक चौपट हो गईं। जींद जिले में हिंसा को लेकर 103 लोगों पर केस दर्ज किए गए थे। इनमें से 90 से ज्यादा लोग पहले बरी हो चुके हैं। फरवरी, 2016 में जब जाट आरक्षण आंदोलन भड़का था तो रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, जींद में कई जगह हिंसा हुई।

साल 2016 में जब आंदोलन हुआ तो जींद में जुलाना, उचाना में भी गांवों से ट्रैक्टरों में भरकर लोग सड़क पर आ गए थे। रोड जाम कर दिए गए। रेलवे ट्रैक रोक दिया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों से पहचान कर गिरफ्तारियां किए गए। जींद में भी करीब 103 लोगों के घर समन भेजे गए। जुलाई, 2016 को पहली सुनवाई हुई जाट आंदोलन में सड़क जाम करने, रेलवे ट्रैक रोकने, सरकारी और निजी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने की धाराएं लगी, उनके लिए 22 जुलाई 2016 को पहली सुनवाई की तारीख तय हुई। इनमें ज्यादातर युवा और किसान थे।

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