भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण से बचने के 10 आसान उपाय

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दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण अब केवल पर्यावरणीय समस्या नहीं रहा, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। दिल्ली में हाल ही में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 488 के चौंकाने वाले स्तर तक पहुँच गया, जिसे “गंभीर से भी बदतर” श्रेणी में रखा गया है। इस स्थिति में साफ हवा में सांस लेना लगभग असंभव हो गया है। हालांकि प्रदूषण को रातोंरात खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ आसान और व्यावहारिक कदम उठाकर हम खुद को और अपने परिवार को इसके दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं।

वायु प्रदूषण क्या है और यह कितना खतरनाक है?

वायु प्रदूषण केवल धुंधला आसमान या असुविधाजनक माहौल नहीं है — यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाली अदृश्य विषैली गैसों और कणों का मिश्रण है। इसमें पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5 और PM 10), नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे तत्व शामिल होते हैं। इनमें से PM 2.5 सबसे खतरनाक माना जाता है, क्योंकि ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि सीधे फेफड़ों और रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं।

भारत में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर हो चुका है। 19 नवंबर 2024 को दिल्ली का AQI 488 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे खराब था। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर पर सांस लेना दर्जनों सिगरेट पीने के बराबर है।

वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

वायु प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों को नहीं, बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करता है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से एनीमिया, चिंता, अवसाद, हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशानिर्देश भारत की तुलना में कहीं अधिक कड़े हैं, जो यह दर्शाते हैं कि हमें ‘सुरक्षित हवा’ की परिभाषा पर दोबारा विचार करना चाहिए।

वायु प्रदूषण से बचाव के व्यावहारिक उपाय

1. वायु गुणवत्ता पर नज़र रखें

अपने इलाके का AQI रोज़ाना जांचें। AQI इंडिया, एयरविज़ुअल या CPCB पोर्टल जैसे ऐप और वेबसाइट से वास्तविक समय की जानकारी लें। जब AQI 200 या उससे अधिक हो, तो बाहर की गतिविधियाँ कम करें।

2. घर में एयर प्यूरीफायर लगाएँ

HEPA फ़िल्टर वाले प्यूरीफायर घर के अंदर की हवा को काफी हद तक साफ करते हैं। इन्हें बेडरूम या लिविंग रूम जैसे स्थानों पर लगाएँ, जहाँ आप सबसे अधिक समय बिताते हैं।

3. सही मास्क पहनें

N95 या N99 रेटिंग वाले मास्क ही चुनें, क्योंकि ये सूक्ष्म कणों को फ़िल्टर करने में सक्षम होते हैं। ध्यान रखें कि मास्क पूरी तरह फिट हो ताकि प्रदूषक अंदर न जा सकें।

4. हरियाली बढ़ाएँ

इनडोर पौधे जैसे पीस लिली, स्नेक प्लांट या एरेका पाम घर की हवा को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करते हैं। यदि जगह हो, तो आस-पास पेड़ लगाएँ जो प्रदूषकों के विरुद्ध प्राकृतिक ढाल का काम करते हैं।

5. बाहर जाने से बचें

प्रदूषण के चरम समय — सुबह जल्दी और देर शाम — बाहर निकलने से बचें। व्यायाम करने वाले लोग ऐसे दिनों में इनडोर एक्सरसाइज करें।

6. उचित वेंटिलेशन रखें

जब हवा का प्रदूषण स्तर कम हो, तब खिड़कियाँ खोलें। अधिक प्रदूषण वाले दिनों में उन्हें बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें।

7. प्रदूषण कम करने में योगदान दें

कम से कम गाड़ी चलाएँ, सार्वजनिक परिवहन या कारपूलिंग का विकल्प चुनें। इससे वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और ट्रैफिक दोनों में कमी आती है।

8. पोषक आहार लें

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन जैसे मेवे, फल, और हरी सब्ज़ियाँ शरीर को प्रदूषण के प्रभाव से लड़ने में मदद करती हैं। साथ ही, ओमेगा-3 फैटी एसिड फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है।

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