सरकारी टाउनशिप बनी टॉक ऑफ टाउन, रियल एस्टेट सेक्टर में लगनी शुरु हुई शर्तें, जमीनें बचाने को दे रहे बड़ी ऑफर

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लुधियाना 21 मई। पंजाब सरकार की और से कैनाल रोड साउथ सिटी और लाडोवाल साउदर्न बाइपास पर पीपीपी स्कीम में करीब 24 हजार एकड़ जमीन लैंड पूलिंग के तहत एक्वायर करके अर्बन एस्टेट डवेलप की जानी है। यह टाउनशिप का मुद्दा टॉक ऑफ टाउन बना हुआ है। लुधियाना रियल एस्टेट सेक्टर में लगातार इसे लेकर चर्चा छिड़ी हुई है। वहीं पंजाब सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट का ऐलान लुधियाना हलका वेस्ट के उपचुनाव के दौरान किया गया है। जिसके चलते विपक्ष द्वारा भी इसे चुनावी मुद्दा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल समेत अन्य विपक्षी राजनेताओं द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर लगातार बयान दिए जा रहे हैं। यहां तक कि सुखबीर बादल ने तो 29 मई को इस प्रोजेक्ट के विरोध में ग्लाडा ऑफिस के बाहर धरना लगाने का भी ऐलान कर दिया है। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में शर्तों का दौर भी शुरु हो चुका है। कारोबारियों द्वारा किसकी जमीन टाउनशिप में आएगी और किसकी फाइल ग्लाडा द्वारा पास की जाएगी, इसे लेकर शर्तें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि कई राजनेताओं की जमीनें भी इस टाउनशिप में शामिल हैं।

रियल एस्टेट सेक्टर में लगने लगी शर्तें
वहीं दूसरी तरफ रियल एस्टेट सेक्टर में टाउनशिप को लेकर शर्तें लगने लग चुकी है। दरअसल, कई कारोबारी ऐसे हैं, जिनका रियल एस्टेट सेक्टर में कद काफी बड़ा है। उनकी तरफ से अपनी कॉलोनियों की परमिशन लेने के लिए ग्लाडा में अप्लाई कर रखा है। जबकि कई कारोबारियों की जमीनें पंजाब सरकार द्वारा टाउनशिप में एक्वायर की जानी है। ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर में सट्‌टा लगना शुरु हो चुका है कि आखिर किसकी फाइलें पास होती है और किसकी जमीन एक्वायर की जाती है।

80 प्रतिशत जमीनें कंपनियों के पास
वहीं एक्सपर्ट की माने तो कहा जा रहा है कि कैनाल रोड साउथ सिटी और लाडोवाल साउदर्न बाइपास पर ज्यादातर किसानों से जमीनें खरीदी जा चुकी है। जिसके चलते मौजूदा समय में करीब 80 प्रतिशत जमीनें 50 से 100 कंपनियों के पास है। जबकि सरकार ने जो जमीनें एक्वायर करनी है, उसमें किसानों की जमीनें कम है। लेकिन इसके बावजूद भी राजनीतिक पार्टियों द्वारा इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

कॉलोनियां बचाने को दी जा रही ऑफर
चर्चा है कि कई डवेलपर्स की और से अपनी कॉलोनियां बचाने के लिए बड़ी बड़ी ऑफरें दी जा रही है। किसी की और से कॉलोनी बचाने को 100 करोड़ तक की ऑफर दी गई, तो किसी की और से टाउनशिप से जमीन बाहर कराने को एक करोड़ प्रति किला के मुताबिक ऑफर दी जा रही है। वहीं शहर में इस टाउनशिप को लेकर पार्टियों व सैरगाह पर चर्चाएं होती हुई आम देखी जा सकती है।

आम शहरवासियों में खुशी की लहर
एक तरफ जहां कई रियल एस्टेट कारोबारी दावा कर रहे हैं कि इस टाउनशिप का असर उपचुनाव पर पड़ेगा, लेकिन वहीं दूसरी तरफ इससे आम जनता में खुशी की लहर भी है। क्योंकि जनता को पॉश एरिया में 26 हजार रुपए गज के हिसाब से जमीन मिलेगी। जिससे कई लोगों के घर लेने के सपने पूरे हो सकेगें। वहीं इस प्रोजेक्ट के ऐलान के बाद मान सरकार की जनता में छवि निखरकर सामने भी आई है। बड़ी लॉबी को छोड़कर आम जनता को इसका बेहद फायदा मिलेगा। इसे एक ऐतिहासिक फैसला मानकर देखा जा रहा है।

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