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गुरदेव नगर की बैठक में एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने भारत में एंटीबायोटिक नीति की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अरोड़ा को बताया कि कई देशों में पहले से ही ऐसी नीतियां हैं, जो एंटीबायोटिक दवाओं के उचित उपयोग के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश प्रदान करती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के ढांचे की अनुपस्थिति जीवन को खतरे में डाल रही है। इस चिंता का जवाब देते हुए, अरोड़ा ने आश्वासन दिया कि वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे। उन्होंने इस सुझाव से भी सहमति जताई कि एंटीबायोटिक्स केवल पंजीकृत चिकित्सा पेशेवरों द्वारा जारी किए गए नुस्खों पर ही दिए जाने चाहिए।